AP Tripathi: रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी (एपी त्रिपाठी) के खिलाफ अब सीबीआई भी जांच करेगी। त्रिपाठी के खिलाफ केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ राज्य सरकार की एजेंसी आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो- एंटी करप्शन ब्यूरो (ईओडब्ल्यू- एसीबी) पहले से जांच कर रही है। अब राज्य सरकार ने त्रिपाठी के खिलाफ सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी है।
बता दें कि त्रिपाठी भारतीय दूर संचार सेवा के अफसर हैं। छत्तीसगढ़ में वे प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे थे। इस दौरान आबकारी विभाग में विशेष सचिव रहने के दौरान बड़े पैमाने पर घोटाला करने का आरोप लगा है। त्रिपाठी के साथ ही इस मामले में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर को भी आरोपी बनाया गया है।
अफसरों के अनुसार एपी त्रिपाठी केंद्रीय सेवा के अफसर हैं। इसी वजह से उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के साथ ही झारखंड में भी त्रिपाठी समेत अन्य आरोपियों पर शराब घोटाला करने का आरोप है।
त्रिपाठी के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसमें कहा गया है कि अरुण पति त्रिपाठी के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) करने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के विस्तार के लिए सहमति प्रदान करते हैं। इसमें भारी रिश्वत राशि की मांग और स्वीकृति, आय से अधिक संपत्ति का अधिग्रहण और कमीशन/चूक का कोई अन्य कार्य शामिल है।
AP Tripathi: पीई के दौरान प्रकाश में आ सकता है, जो उसी लेन-देन के दौरान किया गया हो या उन्हीं तथ्यों से उत्पन्न हुआ हो। अतुल कुमार सिंह, निदेशक (वी-टेक), दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा आयकर विभाग, नई दिल्ली के जांच-I के प्रधान निदेशक, राजीव अग्रवाल के 04-08-2020 के पत्र की प्रतिलिपि अग्रेषित की गई है, जिसमें 1994 बैच के भारतीय दूरसंचार सेवा अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी से संबंधित निष्कर्षों पर संक्षिप्त नोट संलग्न है, जो छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के साथ प्रतिनियुक्ति पर थे और प्रासंगिक अवधि के दौरान विशेष सचिव, वाणिज्यिक कर (आबकारी) और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक का पद संभाल रहे थे।