Bhupesh Baghel रायपुर। रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज का महाधिवेशन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। महाधिवेशन को संबोधित करते हुए बघेल ने जातिगत आरक्षण को लेकर बड़ी बात कही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने कार्यकाल में जातिगत आरक्षण में किए गए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी सरकार में हमने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधेयक लाया था।
वह विधेयक राजभवन में अटका हुआ है। हाल ही में केरल के मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए बघेल ने कहा कि कोर्ट ने एक अभी एक आदेश दिया है जो कहता है कि महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल किसी भी विधेयक को तीन महीने से अधिक नहीं रोक सकते।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल अब इस बिल को या तो स्वीकार करेंगे या फिर विधानभा को लौटाएंगे। बघेल ने कहा कि विधानसभा को लौटोन पर क्या स्थिति बनेगी इसे लेकर ओबीसी समाज को सचेत रहना चाहिए।
बघेल ने कहा कि यदि आरक्षण की सीमा 51 प्रतिशत तय कर दी जाती है तो हमारी (ओबीसी) की स्थित क्या होगी। यहां 32 प्रतिशत आरक्षण आदिवासी का है, 13 प्रतिशत एससी का है।
यह 45 प्रतिशत हो गया, बचा छह प्रतिशत। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी ओबीसी को ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है जो अस्थायी है। हमनें सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि आरक्षण पर अंतिम फैसला आने तक 14 प्रतिशत आरक्षण का लाभ ओबीसी को मिलता रहे।
वह अंतरिम आदेश है जिस दिन वह समाप्त होगा उस दिन पिछड़ा वर्ग को केवल पांच- छह प्रतिशत आरक्षण ही नौकरी और जनप्रतिनिधित्व में मिलेगा, इस बात का हमको ध्यान रखना होगा।