Bijli Company रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली कंपनी में एक से एक कमाल होते रहता है। इनमें से ज्यादातर कंपनी के अंदर ही रह जाती है, लेकिन कुछ बातें छनकर बाहर भी आती हैं, जो चर्चा का विषय बन जाती है। ऐसा ही फिर एक मामला सामने आया है। जहां ट्रांसफर के बाद पहुंचे एसई के लिए बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिल पाई तो उन्हें दूसरे कार्यालय में भेज दिया गया।
मामला बिजली वितरण कंपनी के सीई (डीआर) कार्यालय दुर्ग का है। 23 अप्रैल को एक प्रमोशन आर्डर जारी हुआ। इसमें ईई विलास सावड़े को एसई प्रमोट करने साथ ही उनका ट्रांसफर सीई (डीआर) कार्यालय दुर्ग कर दिया गया। एसई प्रमोट हुए इंजीनियर को आर्डर दिया गया कि सात दिन के भीतर नए स्थान पर पदभार ग्रहण कर लें।
Bijli Company कंपनी प्रबंधन से मिले आदेश के आधार पर इंजीनियर सावड़े सीई (डीआर) कार्यालय दुर्ग पहुंचे तो वहां कुर्सी का संकट खड़ा हो गया। उन्हें बताया गया कि यहां बैठने के लिए स्थान और कुर्सी ही नहीं है, आप अपने पुराने ऑफिस में ही बैठिए। इसके बाद इंजीनियर सावाड़े ईई विजिलेंस वाले अपने पुराने कार्यालय में लौट गए और वहीं बैठ रहे हैं।
ईई से एसई बनाए गए इंजीनियर सावड़े जून में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनके साथ किए गए इस व्यवहार को लेकर इंजीनियरों में नाराजगी है। इंजीनियरों का कहना है कि एक व्यक्ति कंपनी की लंबी सेवा के बाद अब सेवानिवृत्त होने वाला है। सेवाकाल के अंतिम समय में उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जाना उचित नहीं है।
विद्युत अभियंता संघ ने इसे इंजीनियर सावड़े का अपमान बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। संघ के अध्यक्ष इंजीनियर एनआर छीपा ने बताया कि इंजीनियर सावड़े संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, दो महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं पद स्थापना वाले स्थान पर बैठने की व्यवस्था नहीं किया जाना बेहद निंदनीय है।
बताते चले कि इससे पहले भी अभियंता कल्याण संघ से जुड़े एक पदाधिकारी के साथ इसी तरह का अन्याय हो चुका है। संघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल ईई पीके साहू का सेवानिवृत्ति के कुछ महीने पहले ट्रांसफर कर दिया गया था। इंजीनियर छीपा ने बताया कि कंपनी के नियम और परंपरा के अनुसार किसी भी श्रेणी के स्टाफ का सेवानिवृत्ति के एक साल पहले इस तरह ट्रांसफर नहीं किया जाता है।