Bijli Meter: रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्टाप बिलिंग और मीटर रीडिंग का काम आउट सोर्सिंग के जरिये होता। करीब 5300 मीटर रीडर हर महीने उपभोक्ताओं के परिसर में जाकर मीटर रीडिंग करते हैं और स्पॉट पर ही उन्हें बिजली का बिल देते हैं। लेकिन इस महीने बिलिंग की यह व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
छत्तीसगढ़ के बिजली मीटर रीडर 1 नवंबर से हड़ताल पर हैं। स्पॉट बिलिंग एवं मीटर रीडिंग श्रमिक ठेका कर्मचारी महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर 5 दिन के हड़ताल के हड़ताल पर हैं। हालांकि 1 से 3 नवंबर तक सरकारी छुट्टी के कारण मीटर रीडरों की हड़ताल का कोई विशेष असर नहीं दिखा है, लेकिन सोमवार से कामकाज शुरू होने के साथ ही हड़ताल का असर पड़ सकता है।
सोमवार को हड़ताली मीटर रीडरों की तरफ से प्रदेश के अलग- अलग स्थानों पर प्रदर्शन भी करने की तैयारी है। महासंघ के प्रांताध्यक्ष देवलाल पटेल के अनुसार मीटर रीडर की एक मात्र मांग है कि उन्हें पूरे 30 दिन काम का मौका दिया जाएगा। पटेल के अनुसार अभी मीटर रीडिंग का काम केवल 15 दिन ही चलता है।
महासंघ के अध्यक्ष पटेल, उपाध्यक्ष सतीश सोनबेर, सचिव टुकेश्वर प्रसाद और कोषाध्यक्ष बलराम साहू के अनुसार पावर कंपनी में मैन पावर की कमी है। इसका असर उपभोक्ता सेवा और कंपनी के कामकाज पर पड़ता है। कर्मचारियों की कमी के कारण कई तकनीकी कर्मचारियों को कार्यालयों में पदस्थ कर दिया गया है।
महासंघ की मांग है कि मीटर रीडरों को कंपनी के गैर तकनीकी कार्य करने का मौका दिया जाएगा। कार्यालय सहायक, लाइन मैन के सहायक के रुप में मीटर रीडर काम कर सकते हैं। इससे मीटर रीडरों को पूरे महीनेभर का काम भी मिल जाएगा और कंपनी कुछ अतिरिक्त मैन पावर भी मिल जाएगा।
महासंघ के नेताओं ने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने महासंघ की तरफ से किए गए पत्र व्यवहार में कहा कि मीटर रीडरों से कंपनी के गैर तकनीकी काम लिया जा सकता है। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में मीटर रीडरों को पावर कंपनी की गैर तकनीकी कार्य में सेवा का मौका दे दिया गया है। इसके आधार पर छत्तीसगढ़ में भी मीटर रीडर इसकी मांग कर रहे हैं।
Bijli Meter: महासंघ के नेताओं ने बताया कि 1 से 5 नवंबर तक की हड़ताल सांकेतिक है, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की तो फिर हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए विवश होना पड़ेगा।