CG DGP कौन होगा छत्‍तीसगढ़ का अगला DGP, जुनेजा का फिर होगा सेवा विस्‍तार या देव की होगी एंट्री  

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CG DGP कौन होगा छत्‍तीसगढ़ का अगला DGP, जुनेजा का फिर होगा सेवा विस्‍तार या देव की होगी एंट्री  

CG DGP रायपुर। छत्‍तीसगढ़ का अगल डीजीपी कौन होगा, क्‍या अशोक जुनेजा का फिर से सेवा विस्‍तार होगा या नए डीजीपी की नियुक्ति होगी। यह प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल फरवरी में समाप्‍त हो रहा है। ऐसे में नए डीजीपी की नियुक्ति की कवायद शुरू हो चुकी है। डीजीपी की नियुक्ति UPSC यानी लोक सेवा आयोग के जरिये होती है, ऐसे में राज्‍य सरकार ने नियमानुसार तीन नामों का पैनल केंद्र को भेज दिया है। नए डीजीपी का नाम फाइनल करने के लिए DPC की बैठक होगी। इसमें नाम फाइनल किया जाएगा।

नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए भेजे गए तीन नामों के पैनल में एडीजी पवन देव, अरुण देव और हिमांशु  गुप्‍ता का नाम है। इस बीच मौजूदा डीजीपी अशोक जुनेजा का फिर एक बार सेवा विस्‍तार किए जाने की संभावना जताई जा रही है। जुनेजा के सेवा विस्‍तार की संभावना प्रशासन में उच्‍च स्‍तर पर चल रही है। इसके पीछे कई कारण भी बताए जा रहे हैं।

CG DGP जानिए.. क्‍यों हो रही है जुनेजा के सेवा विस्‍तार की चर्चा

डीजीपी अशोक जुनेजा को फिर एक बार सेवा विस्‍तार की संभावना को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस संकल्‍प से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें उन्‍होंने मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्‍लवाद के खात्‍मे की बात कही है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी शाह ने मार्च 2026 तक नक्‍सलवाद को खत्‍म करने की बात दोहराई है। इधर, देश के सर्वाधिक नक्‍सल प्रभावित राज्‍यों की सूची में शामिल छत्‍तीगसढ़ नक्‍सली उन्‍मूलन की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। एक साल में बस्‍तर का बड़ा हिस्‍सा नक्‍सलियों से मुक्‍त कराया जा चुका है। सरकार का दावा है कि अब केवल दो जिलों का कुछ हिस्‍सा प्रभावित है।

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छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर में नक्‍सलवाद के खिलाफ चल रहे आक्रामक अभियान का श्रेय काफी हद तक डीजीपी अशोक जुनेजा को दिया जा रहा है। शाह भी नक्‍सलवाद क खिलाफ छत्‍तीसगढ़ पुलिस के रुख की लगातार सराहना कर रहे हैं। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि जुनेजा को एक बार सेवा विस्‍तार का लाभ शाह की सहमति से ही दी गई है। इसी वजह से जुनेजा को फिर से सेवा विस्‍तार देने की संभावना जताई जा रही है।

जानिए.. जुनेजा नहीं तो कौन बनेगा छत्‍तीसगढ़ का अगला डीजीपी

डीजीपी जुनेजा को सेवा विस्‍तार नहीं मिलता है तो फिर नए डीजीपी की नियुक्ति होगी। इसके लिए राज्‍य सरकार की तरफ से पहले ही तीन नामों का पैनल केंद्र को भेजा जा चुका है। इनमें सबसे ऊपर पवन देव और दूसरे नंबर पर उन्‍हीं के बैच के अरुण देव गौतम का नाम है। तीसरे नंबर पर हिमांशु गुप्‍ता हैं। इन तीनों में से दोनों देव यानी पवन देव और अरुण देव गौतम में से किसी एक को डीजीपी बनाया जा सकता है। इसमें भी अरुण देव गौतम की संभावना सबसे ज्‍यादा बताई जा रही है।

CG DGP  जानिए.. कैसे होती है डीजीपी की नियुक्ति

किसी भी प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति  केंद्र सरकार की सहमति से होती है। इसके लिए प्रक्रिया निर्धारित है। राज्‍य सरकार की तरफ से डीजीपी के पद के योग्‍य अफसरों की सूची केंद्र को भेजी जाती है। डीजीपी पद के लिए 30 वर्ष की सर्विस पूरी करना जरुरी है। सर्विस के साथ सीआर अच्‍छा होना भी बेहद  जरुरी है। राज्‍य सरकार की तरफ से भेजे गए पैनल जिसमें कम से कम तीन नाम होने चाहिए, उसे यूपीएससी को भेजा जाता है।

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यूपीएससी में विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक होती है। इसमें यूपीएएसी और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अफसरों के साथ ही प्रदेश के मुख्‍य सचिव और गृह सचिव शामि होते हैं। इस बैठक में पैनल के जिन नामों को हरी झंडी मिलती है उसमें से किसी एक को प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डीजीपी नियुक्‍त कर सकते हैं। यूपीएससी से फाइनल किए गए नामों में से किसे डीजीपी बनाना है यह राज्‍य के मुख्‍यमंत्री ही तय करते हैं।  

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