CG Industrial Policy 2024-30: रायपुर। राज्य में स्थापित बंद, बीमार और अवरुद्ध उद्योग जिनकी परिसंपत्ति को किसी अन्य उद्यमी/फर्म/ कंपनी ने एनसीएलटी (National Company Law Tribunal), सरफेसी एक्ट और वित्तीय संस्थानों के द्वारा विभिन्न नियमों के तहत अधिग्रहित कर लिए जाने के कारण अकार्यशील हो जाती है, ऐसे उद्यमों में निवेशित अवरूद्व राशि के राज्य हित में सदुपयोग की दृष्टि से बंद, बीमार उद्यम के पुर्नवास के लिए इस नीति में प्रावधानित पैकेज के माध्यम से पुर्नसंचालित, क्रियाशील किए जाने निम्नानुसार पैकेज का प्रावधान किया जा रहा है।
“बंद / बीमार औद्योगिक इकाई से आशय उन उद्योगों से है जो कि इस नीति के परिशिष्ट-1 के बिन्दु क्रमांक 38 (क) व (ख) में परिभाषित की गई है।
अन्य परिभाषाएं : इस नीति के क्रियान्वयन के लिए जो परिभाषाएं इस नीति में नहीं है, उनके संबंध में प्रचलित औद्योगिक नीति 2024-30/भारतीय रिजर्व बैंक की परिभाषाएं यथास्थिति जो लागू हो, प्रभावी होंगी।
CG Industrial Policy 2024-30: औद्योगिक विकास नीति 2024-30 की कंडिका के प्रावधान अनुसार “बंद, बीमार उद्यम के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज” निम्नानुसार होगा
(1) बंद उद्योगों के पुनः संचालन / बीमार उद्योगों के पुनर्वास के लिए पैकेज :-
(1.1) किसी भी बंद / बीमार घोषित उद्योग का क्रय करने पर निम्नांकित छूट दी जाएगी :-
(i) स्टाम्प शुल्क से पूर्ण छूट
(ii) पंजीयन शुल्क से पूर्ण छूट
(iii) औद्योगिक क्षेत्रो / लैण्ड बैंक में उद्यम स्थापित होने की दशा में भू-प्रब्याजी की 5 प्रतिशत की दर से भू-हस्तांतरण शुल्क लिया जाएगा ।
औद्योगिक नीति 2024-30 के औद्योगिक निवेश प्रोत्साहनों की पात्रता को आधार मानकर बंद / बीमार उद्योग के स्वामी या क्रेता को (यथा स्थिति जो लागू हो) निम्नानुसार पूर्णतः / शेष बची अनुदान, छूट एवं रियायत दी जाएगी, जिसका उपयोग बंद उद्योग ने अपने उद्योग के संचालित रहने की अवधि में नहीं किया हो/आंशिक किया हो :-
1 ब्याज अनुदान
2 स्थायी पूंजी निवेश अनुदान
3 नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) प्रतिपूर्ति
4 विद्युत शुल्क से छूट
5 मंडी शुल्क से छूट
6 परियोजना प्रतिवेदन अनुदान
7 गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान
8 तकनीकी पेटेंट अनुदान
9 प्रौद्योगिकी क्रय अनुदान
10 दिव्यांग (निःशक्त), सेवानिवृत्त अग्निवीर व आत्मसमर्पित नक्सली व्यक्ति रोजगार अनुदान
11 परिवहन अनुदान (केवल निर्यातोन्मुख उद्योगों के लिए)
12 प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति
13 ई.पी.एफ. प्रतिपूर्ति
14 एमएसएमई थ्रस्ट सेक्टर एवं सूचना प्रौद्योगिकी उद्यमों के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिएकिए गए व्यय की प्रतिपूर्ति,
ऐसे बीमार और बंद उद्योग जिनके द्वारा पूर्व में अनुदान नहीं लिया गया है उनके पुनर्वास / पुर्नजीवन के उपरांत औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत प्रदान किए जाने वाले सभी प्रकार के छूट/अनुदान की पात्रता होगी।
उदाहरणार्थ :-
(अ) यदि किसी उद्यम ने औद्योगिक नीति 2014-19 के अंतर्गत एक सामान्य उद्यम 01 नवम्बर 2015 को स्थापित किया है व दो वर्ष की अवधि के लिए निर्धारित 40 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान प्राप्त किया है व औद्योगिक विकास नीति 2024-30 की अवधि में बीमार उद्यम घोषित होता है, तो शेष तीन वर्ष की अवधि के लिए ब्याज अनुदान की पात्रता औद्योगिक नीति 2024-30 के अधीन निर्धारित दर पर व अधिकतम सीमा के अधीन होगी।
(ब) यदि कोई उद्यम औद्योगिक नीति 2014-19 के अधीन अनुदान, छूट एवं रियायतों के लिए अपात्र उद्योगो की श्रेणी में था एवं औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में पात्र है, तो पुनः उत्पादन प्रारंभ करने पर औद्योगिक विकास नीति 2024-30 की शेष अवधि (उद्यम के प्रारंभ होने से बीमार घोषित होने तक की अवधि को पात्रता अवधि से कम करने के पश्चात् बची शेष अवधि) के लिए ब्याज अनुदान की पात्रता होगी।
(स) उद्यम स्थापना के पश्चात् दिये जाने वाले अन्य अनुदान (जैसेः- स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, परियोजना प्रतिवेदन अनुदान, गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान, तकनीकी पेटेन्ट अनुदान, प्रौद्योगिकी क्रय अनुदान, निःशक्त अनुदान आदि) यदि प्राप्त नहीं हुए हैं / आंशिक प्राप्त हुए हैं तो बीमार उद्यम के क्रेता को पूर्ण / शेष बची राशि की पात्रता होगी।
(द) उपरोक्तानुसार स्थिति उद्यम स्थापना के पश्चात् दिये जाने वाले छूट के प्रकरणों (विद्युत शुल्क से छूट) में भी लागू होगी।
CG Industrial Policy 2024-30: बीमार घोषित उद्यम की भुगतान के लिए बकाया राशि को भुगतान करने के लिए 36 समान मासिक किश्तों / 12 त्रैमासिक किश्तों में मूल राशि संपूर्ण पेनाल्टी / ब्याज / अधिभार सहित भुगतान की सुविधा दी जाएगी, इस निर्धारित अवधि में भुगतान न होने पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा निर्धारित बेस रेट पर ब्याज का भुगतान करना होगा।
परन्तु, यह प्रावधान इस के लिए संबंधित विभागों के नियमों/अधिनियमों में संशोधन उपरांत अधिसूचना जारी होने पर बादवर्ती प्रभाव से ही लागू होगा।
तथापि विद्युत देयकों के मामले में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा निर्धारित बेस रेट पर ब्याज का भुगतान के स्थान पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित सप्लाई कोड में दिये गये प्रावधानों के अनुरूप नियमानुसार अधिभार देय होगा।
CG Industrial Policy 2024-30: बीमार उद्यम के क्रेता के पक्ष में विद्युत कनेक्शन, जल कनेक्शन, कन्सेंट टू ऑपरेट, राज्य शासन द्वारा दिये जाने वाले फॉरेस्ट क्लीयरेंस, स्थानीय निकायों द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र इत्यादि हस्तांतरित हो जावेंगे। परन्तु इसके लिए संबंधित विभागों के नियमों / अधिनियमों में वर्णित प्रकिया के अनुसार आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
बंद उद्यम में प्लांट एवं मशीनरी में न्यूनतम रुपये5.00 करोड अथवा उत्पादनरत मौजूदा उद्यम में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की दिनांक तक प्लांट एवं मशीनरी मद में मान्य निवेशित पूंजी के न्यूनतम 25 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, का अतिरिक्त पूंजी निवेश करने पर, तथा उद्यम विभाग में पंजीकृत मूल क्षमता या औसत उत्पादन, जो भी अधिक हो, में न्यूनतम 25 प्रतिशत की वृद्धि होती हो एवं कुल रोजगार में भी 10 प्रतिशत, की वृद्धि हो तथा विस्तारित वाणिज्यिक उत्पादन इस नीति की कालावधि में प्रारंभ हो, तो किए गये अतिरिक्त पूंजी निवेश पर औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में घोषित अनुदान, छूट एवं रियायतें प्राप्त होगी (विस्तार / डायवर्सीफिकेशन आदि पर) किन्तु इसकी अधिकतम सीमा बंद उद्यम को देय शेष अनुदान एवं इस अतिरिक्त पूंजी निवेश पर देय अनुदान की अधिकतम सीमा औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में घोषित अनुदान की सीमा से अधिक नहीं होगी।
नए उद्यम को जल उपलब्धता की स्थिति में पुनः जल स्वीकृति देते समय कोई अतिरिक्त चार्जेस / सुरक्षा निधि नहीं ली जाएगी।
बंद उद्यम के क्रेता के पक्ष में विद्युत कनेक्शन, जल कनेक्शन, कन्सेंट टू ऑपरेट, राज्य शासन द्वारा दिए जाने वाले फॉरेस्ट क्लीयरेंस, स्थानीय निकायों द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र इत्यादि हस्तांतरित हो जाएंगे।
परन्तु, यह प्रावधान संबंधित विभाग द्वारा नियमानुसार जारी अधिसूचना की तिथि से बादवर्ती प्रभाव से ही लागू होगा।
टीप:- (1) उपरोक्त पैकेज के लिए आवश्यक है कि उद्यम को बंद उद्यम घोषित करने के लिए आवेदन की तिथि को आवेदक के उद्यम में प्लांट एवं मशीनरी में न्यूनतम 100 लाख रुपये का पूंजी निवेश हो व फैक्टरी परिसर में मशीनरी स्थापित भी हो।
(2) किसी इकाई को बंद उद्यमों के पुनः संचालन के लिए पैकेज केवल एक बार दिया जाएगा।
1. बंद/बीमार घोषित उद्योग के श्रम विवादों का निपटारा श्रम विभाग द्वारा तत्परता से किया जाकर उसे हर संभव सहायता दी जाएगी ताकि उद्योग का संचालन सुचारू रूप से प्रारंभ होकर संचालित हो सके।
2. उद्योग विभाग द्वारा सिंगल विण्डो प्रणाली के माध्यम से समस्त प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।