CG Industrial Policy 2024-30: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 जारी कर दी है। इसमें विभिन्न सेक्टर के उद्योगों को प्रोत्सहान देने का निर्णय लिया गया है। जानिए.. औद्योगिक निवेश के लिए आर्थिक प्रोत्साहन के में छत्तीसगढ़ में “स्टार्टअप के लिए कौन- कौन से पैकेज और सुविधा की घोषणा की गई है।
इस नीति में इकाई को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पात्रता के लिए स्टार्टअप के रूप में मान्य करने के लिए इन शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा :-
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्यम मंत्रालय के उद्यम संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की तरफ से जारी वैद्य स्टार्टअप प्रमाण पत्र।
निगमीकरण/पंजीकरण के समय से किसी भी वित्तीय वर्ष में इकाई का कुल कारोबार विनिर्माण इकाई के प्रकरणों में 25 करोड़ और सेवा गतिविधि के प्रकरणों में 10 करोड़ रुपये से अधिक न हो।
इकाई नवाचार / विद्यमान तकनीक में सुधार / विद्यमान प्रक्रियाओं का सरलीकरण का कार्य करती हो और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करती हो।
इकाई औद्योगिक नीति 2024-2030 के परिशिष्ट 3 के अपात्र और परिशिष्ट – 5 कोर उद्यमों / सेवाओं की सूची में शामिल न हो।
पहले से स्थापित किसी व्यवसाय के विभाजन या उसके पुनर्निर्माण के माध्यम से बनाई गई किसी इकाई को ‘स्टार्टअप’ नहीं माना जाएगा।
कोई इकाई अपने निगमीकरण / पंजीकरण की तिथि से दस वर्ष पूरे होने पर “स्टार्ट अप” के रूप में नहीं माना जाएगा।
स्टार्टअप के लिए प्राप्त सभी आवेदनों को राज्य स्तरीय स्टार्टअप संवर्धन समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा एवं समिति द्वारा अनुमोदित प्रकरणों में ही पैकेज का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा।
औद्योगिक नीति 2024-30 में दिए गए प्रावधान अनुसार राज्य की स्टार्टअप इकाइयों को अनुदान / छूट का लाभ प्राप्त करने के पूर्व छत्तीसगढ़ स्टार्टअप पोर्टल में दर्ज कर अभिस्वीकृति प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। स्टार्टअप इकाई उक्त अभिस्वीकृति जारी दिनांक से 5 वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा।
समिति की संरचना
1- संचालक उद्योग अध्यक्ष
2- निदेशक, एमएसएमई-डीएफओ के प्रतिनिधि (आवश्यकतानुसार)- सदस्य
3- संयुक्त संचालक (वित्त) उद्योग संचालनालय सदस्य सचिव
4- संयुक्त संचालक, उद्योग संचालनालय सदस्य
5- चिप्स के प्रतिनिधि (आवश्यकतानुसार) सदस्य
6- दो विषय विशेषज्ञ (आवश्यकतानुसार) सदस्य
उपरोक्त समिति का कोरम 4 सदस्यों का होगा
1- समिति की बैठक महीने में कम से कम एक बार आयोजित की जाएगी। समिति द्वारा स्टार्टअप अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का परीक्षण/विचार के बाद स्टार्टअप मान्य किया जाएगा।
2- इन्क्यूबेशन सेंटर की प्रगति रिपोर्ट पर विचार कर सुझाव व निर्देश प्रदान करना।
3- स्टार्टअप्स को अनुदान की स्वीकृति प्रदान करना।
4- समिति, स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के संबंध में अन्य निर्णय लेने के लिए सक्षम होंगे।
जानिए.. औद्योगिक नीति 2024-30 में वित्तीय अनुदान कितना मिलेगा
कार्पस फंड राज्य में स्थापित होने वाले मान्यता प्राप्त स्टार्टअप इकाईयों को बढ़ावा देने के लिए अलग से राज्य शासन की तरफ से 50 करोड़ के कार्पस फंड का निर्माण किया जाएगा। साथ ही सीएसआर के माध्यम से भी स्टार्टअप के विकास के लिए कार्पस फंड एकत्रित किया जाएगा। उक्त कार्पस फंड से स्टार्टअप्स इकाईयों को निम्नानुसार सहायता प्रदान किया जाएगा
स्टार्टअप इकाइयों को प्रारंभिक चरण में इन्क्यूबेशन सेंटर की अनुशंसा के आधार पर सीड फंडिंग के रूप में राशि 05 लाख दिया जाएगा।
उत्पादन/कार्य शुरू करने के 06 माह के बाद संचालन के लिए राशि 03 लाख की सहायता प्रदान की जाएगी।
स्टार्टअप इकाईयों द्वारा उत्पादन / कार्य प्रारंभ करने के 18 माह बाद निरंतर संचालन एवं विकास के लिए राशि 3 लाख की सहायता दी जाएगी।
क्रेडिट रिस्क फंड राज्य में स्थापित होने वाले मान्यता प्राप्त स्टार्टअप इकाईयों को बढ़ावा देने के लिए अलग से राज्य शासन 50 करोड़ के क्रेडिट रिस्क फंड का निर्माण करेगी।
किराया अनुदान छत्तीसगढ़ में स्थापित होने वाले वैध स्टार्टअप इकाइयों को, 03 वर्षों तक, किराए के भवन में/ इन्क्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप इकाई स्थापित करने की दशा में, भुगतान किए गए मासिक किराये का 40 प्रतिशत, प्रति माह अधिकतम राशि 15000/- की प्रतिपूर्ति प्रत्येक तिमाही में अनुदान के रूप में की जाएगी।
भूमि के क्रय/न्यूनतम 5 वर्ष की लीज पर स्टाम्प शुल्क से पूर्ण छूट।
सावधि ऋण पर तीन वर्ष तक स्टाम्प शुल्क से छूट।
परियोजना प्रतिवेदन अनुदान मान्य स्थायी पूंजी निवेश का एक प्रतिशत, अधिकतम रूपये 5.00 लाख।
गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान- प्रमाणीकरण प्राप्त करने के लिए किये गए व्यय का 80 प्रतिशत, अधिकतम रूपये 10.00 लाख।
तकनीकी पेटेंट अनुदान पेटेंट प्राप्त करने के लिए किये गए व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम रूपये 10 लाख ।
प्रौद्योगिकी क्रय अनुदान प्रौद्योगिकी क्रय के लिए किये गए व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम रूपये 10 लाख ।
स्टार्टअप पैकेज के अंतर्गत प्राप्त होने वाले सुविधाओं के अतिरिक्त औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में प्रावधानित अन्य अनुदान, छूट एवं रियायतों की नियमानुसार पात्रता होगी।
इस पैकेज का लाभ लेने पर स्टार्टअप को राज्य शासन से अन्य समान प्रकृति (चाहे वह किसी भी नाम से जाना जाता हो) के लाभ प्राप्त नहीं होंगे। इसी प्रकार से भारत शासन से समान प्रकृति (चाहे वह किसी भी नाम से जाना जाता हो) को लाभ प्राप्त है तो वह लाभ राज्य शासन से प्राप्त नहीं होंगे।
राज्य के अनुसूचित जनजाति/जाति वर्ग के उद्यमी, महिला उद्यमी, भारतीय सेना से सेवानिवृत्त राज्य के सैनिक एवं नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्ति/परिवार एवं निःशक्तों द्वारा स्थापित स्टार्टअप को 10 प्रतिशत अधिक अनुदान और छूट से संबंधित प्रकरणों में 01 वर्ष अधिक की छूट दी जाएगी ।
छत्तीसगढ़ में लगने वाले स्टार्टअप को प्रारंभिक वर्षों के लिये श्रम कानूनों में स्व-प्रमाणन (Self Certification) के आधार पर निम्नांकित नियमों में छूट प्रदान की जाएगी-
1. फैक्ट्री एक्ट, 1948
2. शॉप एंड स्टेबलिशमेंट एक्ट
3. ठेका श्रम (विनिमय एवं उन्मूलन) अधिनियम, 1970
4. न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948
5. मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961
स्टार्टअप इकाइयों को तीनों पालियों में कार्य करने की अनुमति प्रदान की जाएगी, जिसमें महिला कर्मचारी भी कार्य कर सकेंगी, किन्तु इस के लिए स्टार्टअप इकाइयों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य होगा।
प्रदेश में स्टार्टअप इकाइयों के चयन एवं विकास के लिए समय-समय पर स्टार्ट अप फेस्ट (मेले) आयोजित किए जायेंगे, जिसमें नवागंतुक स्टार्टअप उद्यमी एवं इच्छुक निवेशकों को एक प्लेटफार्म प्राप्त हो।
प्रदेश की शैक्षणिक संस्थाओं से समन्वय कर स्टार्टअप इकाईयों के लिए आवश्यक मार्गदर्शन की व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जाएगा।
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्यम मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग में पंजीकृत एवं राज्य स्तरीय स्टार्टअप संवर्धन समिति द्वारा मान्य स्टार्टअप इकाई को अनुमोदन के पश्चात् सिंगल विण्डो सुविधा के माध्यम से ऑनलाईन उद्यम आकांक्षा में पंजीयन प्राप्त किया जाएगा, जिससे उन्हें राज्य शासन के अन्य विभागों से लगने वाली अनुमतियां एवं सम्मतियों की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
इस औद्योगिक नीति के समयावधि में राज्य में स्थापित होने वाले इन्क्यूबेटर्स को स्थापना के लिए किये गए व्यय का 40 प्रतिशत अधिकतम 40 लाख अनुदान प्रदान किया जाएगा।
संभाग मुख्यालय में इन्क्यूबेटर्स की स्थापना पश्चात् संचालन के लिए 5 वर्ष तक राशि रूपये 5 लाख प्रतिवर्ष एवं शेष जिलों में स्थापित इन्क्यूबेटर्स को अधिकतम राशि रूपये 3 लाख प्रतिवर्ष प्रदान किया जाएगा।
संभाग मुख्यालय के प्रत्येक इन्क्यूबेटर्स को न्यूनतम 10 स्टार्टअप एवं जिले के इन्क्यूबेटर्स को न्यूनतम 05 स्टार्टअप इकाईयों को इन्क्यूबेट करना अनिवार्य होगा।
संभाग मुख्यालय के प्रत्येक इन्क्यूबेटर्स को न्यूनतम 15 स्टार्टअप एवं शेष जिले के इन्क्यूबेटर्स को 10 स्टार्टअप के लिए बैठक व्यवस्था किया जाना अनिवार्य होगा।
प्रत्येक इन्क्यूबेटर्स को प्रति 6 माह में राज्य स्तरीय स्टार्टअप संवर्धन समिति को अपना प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा।
इन्क्यूबेटर्स द्वारा स्टार्टअप इकाइयों को प्रदान किये जाने वाले अनुदान /सुविधा के लिए अनुशंसा प्रदान किया जाएगा।
किसी जिले विशेष में इन्क्यूबेशन सेंटर के अभाव में अन्य जिलों के इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा अन्य जिलों के स्टार्टअप इकाइयों को इन्क्यूबेट किया जा सकेगा।
इस पैकेज के अंतर्गत दिए जाने वाले अनुदान एवं छूट औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के अंतर्गत जारी विभिन्न अधिसूचनाओं में उल्लेखित प्रक्रियाओं एवं शर्तों के अधीन नियमन किया जाएगा।