CG Power : रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकारी पावर कंपनी के मीटर रीडर अनिश्चितकाली हड़ताल पर चले गए हैं। आज उन्होंने कंपनी के अध्यक्ष को इस संबंध में नोटिस दे दी है। अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से पहले स्पाट बिलिंग एवं मीटर रीडिंग श्रमिक ठेका कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर 5 दिन का हड़ताल किया था। इस दौरान कंपनी प्रबंधन की तरफ से उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे नाराज महासंघ ने 6 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष देवलाल पटेल, उपाध्यक्ष सतीश सोनबेर, सचिव नरेंद्र पटेल और प्रवेश जोशी ने बताया कि महासंघ की तरफ 01 अक्टूबर 2024 को कंपनी के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर मीटर रीडर्स की मांग से अवगत कराया गया था।
साथ ही वितरण कंपनी प्रबंधन से द्विपक्षीय वार्ता के लिए समय देने का अनुरोध किया गया था, लेकिन कपंनी प्रबंधन ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।
CG Power : इसकी वजह से मीटर रीडर आहत हैं। इसके बाद मीटर रीडरों ने कंपनी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर 01 से से 05 नवंबर तक सांकेतिक काम बंद हड़ताल की सूचना दी गई।
मीटर रीडर अपनी घोषणा के अनुसार 1 नवंबर से काम पर नहीं जा रहे हैं। पूरे राज्य में स्पाट मीटर बिलिंग ठप पड़ी है। इसके बावजूद कंपनी प्रबंधन ने अब तक मांगों के संबंध में बातचीत की कोई पहल नहीं की है।
कंपनी प्रबंधन के इस उपेक्षा पूर्ण रवैये से मीटर रीडरों में आक्रोश है और उन्होंने 6 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। मीटर रीडरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का यह फैसला बहुत विवश होकर लिया है।
अध्यक्ष पटेल ने कहा कि हमारे हड़ताल न केवल कंपनी का काम प्रभावित होगा बल्कि उपभोक्ता सेवा पर भी असर पड़ेगा। महासंघ ऐसा नहीं चाहता है, लेकिन कंपनी प्रबंधन की तरफ से लगातार उपेक्षा किए जाने से हम सभी आहत हैं। ऐसे में हमारे सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जोन के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं रह गया है।
CG Power : पटेल ने कहा कि मीटर रीडर्स हमेशा से ही शांतिपूर्ण तरीके से अपनी विभिन्न मांगों को वितरण कंपनी के प्रबंधन के समक्ष प्रस्तुत करता आया है, लेकिन हर बार मीटर रीडर्स के हाथ निराशा ही लगती आई है। प्रबंधन हमेशा से ही मीटर रीडरों के लिए अपने लाभानुसार नियमों को बनाकर (जो परस्पर विरोधाभाषी हैं) उन्ही नियमों का हवाला देकर मीटर रीडरों के साथ अन्याय करते आया है।
उक्त मामले को मीटर रीडर्स द्विपक्षीय वार्तालाप के माध्यम से हल करने करने को तैयार है, लेकिन वार्ता में आपकी अध्यक्षता में वितरण कंपनी के प्रतिनिधियों के अलावा, राज्य नीति आयोग, विद्युत् नियामक आयोग, राज्य श्रम विभाग तथा छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की तरफ से एक एक प्रतिनिधि प्रतिनिधि मौजूद हो ताकि हमारी समस्या का सही तरीके से निवारण हो।