DA News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी में है। कर्मचारी अब अनिश्चितकालीन हड़ताल का मन बना चुके हैं। इसके लिए बैठक की तारीख भी फाइनल हो चुकी है। इस बीच राज्य सरकार ने कर्मचारियों को बातचीत के लिए न्योता भेजा है।
सरकार की तरफ से 3 कर्मचारी संगठनों को बैठक के लिए बुलाया गया है। इनमें छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ भी शामिल है।
इस संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा हैं, जो छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकरी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक है। फेडरेशान प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों का सबसे बड़ा संगठन है। फेडरेशन की डीए सहित अन्य मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहा है। फेडरेशन के घटक दलों की 20 अक्टूबर को बैठक बुलाई गई है।
इसमें अनिश्वितकालीन हड़ताल पर निर्णय लिए जाने की संभावना है। इससे पहले ही सरकार ने बाचतीत का प्रस्ताव भेजा है। सरकार की तरफ से 15 अक्टूबर को बैठक रखी गई है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की अवर सचिव अंजू सिंह की तरफ से कर्मचारी संगठनों को पत्र भेजा गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने जिन कर्मचारी संगठनों को बैठक के लिए 15 अक्टूबर को बुलाया है उनमें राजपत्रिक अधिकारी संघ के साथ ही कर्मचारी- अधिकारी संघ और छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ शामिल है। बैठक में इन संगठनों के दो-दो प्रतिनिधि शामिल होंगे।
DA News: जीएडी के अवर सचिव की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के शासकीय विभागों में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों की समस्याओं और मांगो की समीक्षात्मक प्रक्रिया आरम्भ करने व मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रमुख सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति के साथ संघ की बैठक दिनांक 15.10.2024, अपरान्ह 03:00 बजे, कक्ष क्रमांक एस-2-12 मंत्रालय, महानदी भवन में आहूत की गई है। सरकार की तरफ से बुलाई गई इस बैठक को कर्मचारी आंदोलन को टालने की दिशा में सरकार का पहल माना जा रहा है।
बताते चलें कि फेडरेशन की तरफ से डीए सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है। फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेशभर के कर्मचारियों ने 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय हड़ताल किया था।
DA News: सूत्रों के अनुसार 27 सितंबर की हड़ताल को लेकर एलआईबी की रिपोर्ट सरकार को मिल गई है। इसमें हड़ताल का व्यापक असर होने की बात कही गई है। ऐसे में अब कर्मचारी अगर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला कर लेते हैं तो इससे सरकार का कामकाज पूरी तरह ठप हो जाएगा।
यह भी पढ़िए जमीन विवादों को निपटाने नया नियम: गजट में हुआ प्रकाशन, दावा-आपत्ति आमंत्रितAMP