DA News: रायपुर। छत्तीगसढ़ के सरकारी कर्मचारी सरकार से बेहद नाराज हैं। सरकार महंगाई भत्ता की उनकी मांग पूरी नहीं कर रही है, जबकि अपनी इस मांग को लेकर प्रदेश के शासकीय कर्मचारी कई बार ज्ञापन सौंपने के साथ ही सांकेतिक आंदोलन भी कर चुके हैं। कर्मचारियों ने 27 सितंबर को सामूहक अवकाश लेकर हड़ताल भी किया था।
इसके बावजूद सरकार लगातार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय कर्मियों को अभी 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि छत्तीगसढ़ के कर्मचारियों का महंगाई भत्त 46 प्रतिशत ही है।
DA News कर्मचारी भाजपा से चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारियों से किए गए वादों को भी पूरा करने की भी मांग कर रही है। मोदी की गारंटी के नाम से जारी अपने घोषणा पत्र में भाजपा ने महंगाई भत्ता का बकाया एरियर्स देने का वादा किया है।
कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों के समान एचआरए देने की की भी मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि कर्मचारियों की जायज मांगों की सरकार लगातार अनदेखी कर रही है।
ज्ञापन और गांधीवादी तरीके से किए गए आंदोलनों का सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि सरकारी कामकाज प्रभावित हो, लेकिन सरकार कर्मचारियों को उग्र आंदोलन करने पर विवश कर रही है।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि आंदोलन की आगे की रणनीति तय करने के लिए 20 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में बैठक बुलाई गई है। इसमें फेडरेशन में शामिल सौ से अधिक घटक दलों के नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक में आपस में चर्चा करके आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
वहीं, कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार ने अब अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अब मांगें मनवाने के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल के अलावा हमारें पास कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया है।
गौर करने वाली बात यहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों को अभी राज्य के कर्मचरियों से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता ज्यादा मिल रहा। केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जनवरी 2024 में बढ़ गया था, अब दूसरी बार उनका भत्त बढ़ने वाला है। सभव है कि अगले कुछ दिनों में केंद्र सरकार इसकी घोषणा कर दे।