Election पंचायत और निकाय की नई डेड लाईन 15 जनवरी, जानिए- कहां से और क्यों आई यह तारीख…
Election रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय (नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत) के साथ त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत) चुनाव अब 15 जनवरी के बाद होंगे। इससे पहले इन चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा होना संभव नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य चुनाव आयोग ने नई मतदाता सूची के प्रकाशन का कार्यक्रम जारी कर दिया है।
अफसरों के अनुसार राज्य सरकार ने हाल ही में अध्यादेश जारी करके यह व्यवस्था लागू की है कि प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी की स्थिति में 18 वर्ष की आयु पूरी करने वालों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। इसी नियम के तहत राज्य निर्वाचन आयोग ने आज नगरीय निकाय और पंचायतों में मतदाता सूची तैयार करने का कार्यक्रम जारी कर दिया है।
Election जानिए- मतदाता सूची का कार्यक्रम
राज्य निर्वाचन आयोग से जारी कार्यक्रम के अनुसार मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन 31 दिसंबर को किया जाएगा। इसके बाद 6 जनवरी तक दावा- आपत्ति की प्रक्रिया चलेगी। 15 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाश होना। ऐसे में अब 15 जनवरी से पहले चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं हो सकती।
इधर, डिप्टी सीएम अरुण साव ने एक दिन पहले मीडिया से चर्चा के दौरान 10वीं- 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं से पहले दोनों चुनाव कराने के संकेत दिए हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि 15 जनवरी के बाद कभी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू किया जा सकता है।
जनवरी के पहले सप्ताह में पूरी होगी आरक्षण की प्रक्रिया
इस बीच नगरीय निकायों में वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया तो पूरी कर ली गई है, लेकिन मेयर और अध्यक्ष के पद के लिए आरक्षण अभी होना बाकी है। इसके लिए 7 जनवरी की तारीख तय की गई है। वहीं, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया 3 जनवरी से शुरू होगी। इसे 11 जनवरी के पहले पूरा कर लिया जाएगा। यानी मतदाता सूची के अंतिम प्रकाश से पहले आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद कभी भी चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा हो जाएगी।
Election बैलेट पेपर से होगा चुनाव
छत्तीसगढ़ में इस बार भी नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव बैलेट पेपर से ही होगा। राज्य सरकार की मंशा ईवीएम के जरिये मतदान कराने की योजना थी, लेकिन पर्याप्त ईवीएम उपलब्ध नहीं होने के कारण अब बैलेट से ही मतदान कराया जाएगा। बता दें कि 2019 से पहले ईवीएम से मतदान कराया जा रहा था, लेकिन 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस ने नियमों में बदलाव करते हुए बैलेट से मतदान का नियम लागू कर दिया।
Election दोनों चुनाव एक साथ
छत्तीसगढ़ में इस बार नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव एक साथ होंगे। प्रदेश के अधिकांश निकायों का कार्यकाल जनवरी के पहले सप्ताह में खत्म हो जाएगा। वहीं, पंचायतों का कार्यकाल फरवरी में समाप्त होगा। ऐसे में राज्य सरकार को नगरीय निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति करनी पड़ेगी। राज्य सरकार ने इसके लिए पहले ही कानून में संशोधन कर लिया है।