Power Company रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली कंपनी ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए दुर्घटना बीमा योजना लागू कर दी है।कार्य अवधि में दुर्घटनावश मृत्यु होने पर जोखिम 15 लाख और सेवा के दौरान अन्य अवधि में दुर्घटनावश मृत्यु होने पर जोखिम पांच लाख रुपए दिवंगत कर्मी के परिजनों को दिया जाएगा।
सामूहिक व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा एक वर्ष के लिए लागू की गई है। बीमा 06 मई 2025 की आधी रात से शुरू हो चुकी है। यह 05 मई 2026 की मध्य रात्रि तक लागू रहेगा। कंपनी ने यह बीमा मेसर्स दि ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से कराया है।
यह योजना छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का नियोजन के दौरान, दुर्घटना के कारण, मृत्यु हो जाने पर, भले ही अधिकारी / कर्मचारी कार्य पर उपस्थित हों या नहीं (कर्तव्य स्थल से दूर रहने पर भी) प्रभावशील होगी। यह योजना कंपनी में कार्यरत व अन्य पॉवर कंपनियों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नियमित अधिकारियों / कर्मचारियों के साथ ही कंपनी के अध्यक्ष, प्रबंध संचालक / निदेशक व समस्त कार्यभारित / संविदा (ऐसे कर्मचारी, जो कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियन से शासित नहीं है)/ दैनिक वेतनभोगी (ठेकेदारों द्वारा नियोजित ठेका श्रमिकों को छोडकर) पर भी लागू होगी।
इस योजना में 06 मई 2025 (00.00 बजे) से प्रारंभ होकर 05 मई 2026 की मध्य रात्रि तक घटित दुर्घटना, भले ही दुर्घटनाजन्य कारणों से अधिकारी / कर्मचारी की मृत्यु बीमा अवधि के बाद हो, की स्थिति में भी निर्धारित जोखिम राशि देय होगी। साथ ही, बीमा अवधि में घटित दुर्घटना के उपरांत चिकित्सा सुविधा प्राप्त करते हुए अधिकारी/कर्मचारी की मृत्यु होने पर भी बीमा कंपनी जोखिम राशि का भुगतान करेगी, भले ही अधिकारी / कर्मचारी की मृत्यु बीमा अवधि समाप्त होने के बाद हुई हो।
बीमा कंपनी जोखिम दावा राशि का चेक /ड्राफ्ट Manager (RAO-HQ), CSPTCL, Raipur के पक्ष में जारी करते हुए उप महाप्रबंधक (औ०सं०), स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, रायपुर को प्रेषित करेगी। RTGS/NEFT के माध्यम से भुगतान करेगी। साथ ही, बीमा कपनी संबंधित मृतक अधिकारी/कर्मचारी का नाम, जिसके संबंध में दावा राशि का भुगतान किया जा रहा है
संदर्भित बैंक का नाम, UTR तथा दिनांक आदि की विस्तृत जानकारी उप महाप्रबंधक (औ०सं०). कार्यालय मुख्य अभियंता (मा०सं०), स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कपनी लिमिटेड, रायपुर को “दावा डिस्चार्ज व्हाउचर” के साथ तत्काल प्रेषित करेगी। अतएव संबंधित कार्यालयों द्वारा कार्य दुर्घटना में मृत्यु के पश्चात् देय क्षतिपूर्ति राशि से उप महाप्रबंधक (औ०सं०) को अवगत कराया जाना अनिवार्य है, ताकि बीमा कंपनी द्वारा देय दावा राशि में से क्षतिपूर्ति राशि का समायोजन करते हुए शेष राशि मृतक के आश्रित को भुगतान की जा सके।
बीमा कंपनी ने यह सहमति व्यक्त की है कि पूर्ण दावा पत्रक प्राप्त होने की स्थिति में 30 दिनों के मध्य अनिवार्य रूप से जोखिम राशि का भुगतान स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, रायपुर को किया जावेगा।
ट्रांसमिशन कंपनी में कार्यरत किसी अधिकारी / कर्मचारी की दुर्घटना के कारण मृत्यु हो जाने पर वरिष्ठ व्यवसाय प्रबंधक, मेसर्स दि ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, प्रमुख व्यावसायिक कार्यालय (KBO), MIG15, शंकर नगर, सेक्टर 3. रायपुर, पिन नं0-492004 (श्री सुयश साहू वरिष्ठ व्यवसाय प्रबंधक, मोबाईल 9168727775.
ईमेल: suyash.sahu@orientalinsurance.co.in) के नाम से सम्बोधित करते हुए दुर्घटना की सूचना अनिवार्य रूप से बीमा कंपनी को दुर्घटना की जानकारी के पश्चात्. 24 घंटो के अंदर संसूचित करना सुनिश्चित करें।
साथ ही, 30 दिनों के अंदर यथाशीघ्र दावा प्रपत्र व सभी वांछित दस्तावेजों की तीन प्रतिया बनाकर व्यक्तिगत रूप से उप महाप्रबंधक (औद्योगिक संबंध) स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, रायपुर कार्यालय से समस्त दस्तावेज़ों का अनिवार्य रूप से परीक्षण कराकर बीमा कंपनी को जमा करते हुए, बीमा कंपनी से पावती प्राप्त करें व पावती सहित द्वितीय प्रति को उप महाप्रबंधक (औ०सं०) कार्यालय में जमा कराना सुनिश्चित करें, ताकि प्रकरण में शीघ्र कार्यवाही हेतु बीमा कंपनी से अनुरोध किया जा सके।
1. बीमा कंपनी द्वारा दिया गया दावा पत्रक (संबंधित कार्यालय द्वारा पूर्णतः भरा जावे)
2. प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) की प्रमाणित प्रति
3.स्थल पंचनामा की प्रमाणित प्रति
4. पीएम रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति (PM Report)
5. मृत्यु प्रमाण-पत्र की प्रमाणित प्रति
6 पॉवर कंपनी का सेवा प्रमाण-पत्र (कर्मचारी क्रमांक आवश्यक रूप से अंकित करें)
कंपनी की तरफ से जारी पत्रक में कहा गया है कि मैदानी कार्यालय द्वारा दुर्घटना तिथि / मृत्यु तिथि से अत्यंत विलंब से मृत्यु सूचना/दावा पत्रक बीमा कंपनी को प्रेषित किया जाता है, ऐसी स्थिति में, बीमा कपनी द्वारा दावा निरस्त कर दिया जाता है। अतः विलंब से दावा पत्रक भेजने अथवा 30 दिनों की निर्धारित समयावधि के अंदर दावा पत्रक भेजने की स्थिति में कंडिका (07) में वर्णित दस्तावेजों के अतिरिक्त कोई अन्य दस्तावेज/जानकारी बीमा कंपनी अथवा उनके अन्वेषक को न दी जाए।
अन्यथा किसी भी विवाद के लिए दस्तावेज देने वाला अधिकारी / कर्मचारी जवाबदार समझा जावेगा। यह भी देखा गया है कि कतिपय कार्यालय द्वारा बीमा दावा के संबंध में दस्तावेज बिना परीक्षण / सत्यापन के सीधे बीमा कपनी को प्रेषित कर दिये जाते हैं, जिसमें वांछित दस्तावेजों के स्थान पर अन्य अप्रासंगिक दस्तावेज भी भेजे जाते हैं। ऐसी स्थिति में, प्रकरणों के निराकरण में अनावश्यक विलंब होता है।
अतः उक्त परिस्थितियों के कारण बीमा कंपनी द्वारा वांछित दस्तावेजों के अभाव में यदि दावा प्रकरण निरस्त किया जाता है तो संबंधित कार्यालय जवाबदार होगा। परिपत्र में निहित निर्देशों के परिपालन नहीं करने के संबंध में संबंधित कार्यालय प्रमुख (सहायक यंत्री/ कार्यपालन यंत्री) एवं स्थापना प्रभारी की जवाबदारी होगी, अतः समस्त कार्यालय प्रमुखों से अपेक्षा है कि वे इस योजना के तहत उक्त वर्णित दस्तावेज प्राप्त करने और समय पर भेजने के लिए विशेष रूप से ध्यान देवें।