SECR रायपुर। रिश्वतखोरी के मामले में एक चीफ इंजीनियर समेत चार अन्य लोग पकड़े गए हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में ठेकेदार, उसका एक कर्मचरी और चीफ इंजीनियर का रिश्तेदार शामिल है।
मामला बिलासपुर स्थित रेलवे के दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन मुख्यालय का है। रिश्वत लेते पकड़े गए चीफ इंजीनियर का नाम विशाल आनंद है। विशाल आनंद भारतीय रेल सेवा के 2000 बैच के अधिकारी हैं। आरोप है कि उन्होंने एक ठेकेदार को काम दिलाने के नाम पर 32 लाख रुपए रिश्वत ली है। इस मामले में सीबीआई ने उनके भाई कुनाल आनंद, ठेकेदार सुशील झांझरिया (अग्रवाल) और झांझरिया निर्माण लिमिटेड के स्टाफ मनोज पाठक को पकड़ा है।
सूत्रों के अनुसार भ्रष्टाचार के इस मामले की सीबीआई से शिकायत प्रतिद्वंद्वी फर्म ने की थी। आरोप है कि सीई आनंद ने रिश्वत लेकर झाझंरिया को काम देते थे। इसके लिए टेंडर भी लीक करने का भी खेल होता था। इस बात की शिकायत दूसरे ठेकेदार ने सीबीआई से की थी। इसके आधार पर सीबीआई ने गोपनीय सत्यापन किया और फिर रेड की कार्यवाह की।
सीबीआई की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि सीई आनंद का पैतृक निवास रांची में है। लेनदेन वहीं किया जा रहा था। इसी वजह से इस मामले में सीई के भाई को भी पकड़ा गया हे। जिस फर्म से सीई ने रिश्वत ली है वह छोटे और बड़े पुलों, रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी), रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी), क्षमता वृद्धि कार्य, ट्रैक लाइनिंग कार्य आदि के निर्माण सहित अन्य कामों का ठेका लेती है।
जांच के दौरान सीबीआई ने बिलासपुर स्थित झांझरिया निर्माण के कार्यालय में भी छापा मारा है। वहां से कई अहम दस्तावेज आदि जब्त किए गए हैं। सीबीआई के अफसरों के अनुसार सीई के ठिकानों पर भी जांच की गई है। जांच के दौरान नगद के साथ कई दस्तावेज आदि जब्त किए गए हैं।
इस मामले में सौदेबाजी 21 मार्च से शुरू हुई। ठेका कंपनी के एमडी के बेटे ने सीई से जाकर सौदे की रकम तय की। इस दौरान यह भी तय हुआ कि रिश्वत के 32 लाख रुपए बिलासपुर की बजाय रांची में पहुंचाया जाएगा। इसके बाद सीई ने रांची में अपने परिवार के एक सदस्य को बताया कि एक व्यक्ति रिश्वत की रकम देने रांची आ रहा है।