Shops and Establishment Act विष्णुदेव साय सरकार ने राज्य के छोटे व्यापारियों को दी बड़ी राहत…

Shops and Establishment Act रायपुर। राज्य में व्यापार की सुगमता को बढ़ावा देने और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार ने दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 व नियम, 2021 को 13 फरवरी 2025 से लागू कर दिया है। यह अधिनियम श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सिफारिश पर तैयार मॉडल शॉप एक्ट के अनुरूप है।
जहां 10 से ज्यादा श्रमिक वहां लागू होगा नियम
अफसरों ने बताया कि यह अधिनियम राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों स्थित ऐसे दुकानों और स्थापनाओं पर लागू होगा जहां 10 या उससे अधिक श्रमिक काम करते हैं। जहां 10 से कम कर्मचारी हैं या कोई भी श्रमिक कार्यरत नहीं है, ऐसे संस्थानों को इससे पूरी तरह मुक्त रखा गया है। इसका सीधा लाभ छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और स्वरोजगार से जुड़े व्यवसायियों को मिलेगा। ऐसे कारोबारियों को अब जटिल श्रम कानूनों की बाध्यता से राहत मिल जाएगी।
Shops and Establishment Act छह महीने के भीतर करना होगा पंजीयन
नए अधिनियम के तहत पंजीयन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया गया है। हर व्यवसायी को छह महीने के भीतर श्रम विभाग की वेबसाइट पर आवेदन कर पंजीयन कराना होगा। पंजीयन बाद डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। साथ ही, किसी भी प्रकार का संशोधन या दुकान बंद करने की सूचना भी ऑनलाइन ही दी जा सकेगी।
डीम्ड रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था
अफसरों ने बताया कि नियमानुसार पंजीयन के लिए आवेदन करने पर 15 वार्किंग डे के भीतर विभाग की तरफ से प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। लेकिन समय पर प्रमाणन नहीं हो पाएगा तो डीम्ड रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू होगी, जिससे समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी।
जानिए.. श्रमिकों को क्या होगा फायदा
इस अधिनियम के लागू होने से कर्मचारियों को आठ दिन की आकस्मिक और आठ दिन त्योहारी अवकाश मिलेगा। इसके साथ ही अर्जित अवकाश का लाभ मिलेगा। महिला श्रमिकों की ड्यूटी रात की पाली में लगाने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके लिए उनकी सुरक्षा और आवश्यक सुविधा सुनिश्चित करनी होगी। दुकानदार सप्ताह में सातों दिन दुकान खोल सकते हैं, लेकिन कर्मचारियों को सप्ताहिक अवकाश देना पड़ेगा।
Shops and Establishment Act ऑन लाइन होगा पूरा कामकाज
नए कानून में व्यवसायियों को अब पंजीयन और वार्षिक विवरणी जैसी प्रक्रियाओं के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा। सभी काम ऑनलाइन होने से समय, संसाधन और शक्ति की बचत होगी। साथ ही, श्रम कानूनों से जुड़ी मामूली गलतियों पर अब कोर्ट की बजाय समझौता शुल्क का प्रावधान किया गया है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नीति को मजबूती
सरकार का दावा है कि नए कानून से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नीति को मजबूती मिलेगी। लघु और मध्यम व्यापारियों को कानूनी सरलता, महिला श्रमिकों की भागीदारी में वृद्धि, नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही संगठित क्षेत्र में श्रमिकों को बेहतर अधिकार मिलेंगे। यह अधिनियम छत्तीसगढ़ को न केवल व्यावसायिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी अधिक समावेशी और प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित करने में मददगार होगा।