SK Dasgupta: रायपुर। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल (एमपीईबी) के पूर्व चेयरमैन एसके दासगुप्ता का निधन हो गया है। 89 साल के दासगुप्ता ने अपने गृहक्षेत्र कोलकाता में अंतिम सांस ली। दासगुप्ता ने 1989 में एमपीईबी में अपने सेवा की शुरुआत की थी। 2003 में वे बिजली बोर्ड के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हुए।
पूर्व चेयरमैन दासगुप्ता के निधन पर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के पूर्व सचिव पीएन सिंह, छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी के सेवानिवृत्त इंजीनियर पीके खरे और एसजी ओक सहित पॉवर कंपनी के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने शोक व्यक्त किया है। छत्तीगसढ़ राज्य विभाजन से पहले एमपीईबी में सेवा करने वाले बिजली इंजीनियर और कर्मचारियों में से बहुत से दासगुप्ता के साथ काम किए हैं।
एसके दास गुप्ता मध्य प्रदेश ही नहीं देश के पॉवर सेक्टर में एक बड़ा नाम है। उन्हें बिजली सेक्टर में सुधारों के लिए जाना जाता है। दासगुप्ता को बिजली सेक्टर में सुधारों के प्ररेणा के रुप में जाना जाता है। उनके निधन पर मध्य प्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ की भी पॉवर कंपनियों में शोक की लहर है।
SK Dasgupta: इलेक्ट्रिकल इंजीनियर दासगुप्ता में बिजली सेक्टर के गहरे जानकार थे। देश के पॉवर सेक्टर में उनकी अच्छी पहचान है। उनके साथ काम किए गए उनकी प्रशासनिक क्षमता के भी कायल हैं। इसी खूबी के बल पर देश में पहली बार ओडिशा ने उनकी मदद से बिजली सुधारों को क्रियांवित करने में सफलता हासिल की। ओडिशा के ही फार्मूले पर मध्य प्रदेश सहित समूचे देश अपनाया गया।
दासगुप्ता के कार्यकाल में ही मध्य प्रदेश विद्युत मंडल पहले मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल और उसके बाद विभिन्न कंपनियों में तब्दील हुआ। मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल के विघटन के समय सभी कंपनियों के कार्य क्षेत्र और उनकी संपत्तियों के बारे में कोई विवाद न होना ही उनके उत्कृष्ट प्रशासनिक और प्रबंधन क्षमता का उदाहरण है । दासगुप्ता वो पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत मंडल के चेयरमैन और एन टी पी सी में कार्यपालक निदेशक के पद पर भी रहे चुके थे।