CG Dhan Kharidi: रायपुर। छत्तीसगढ़ के किसानों पर इस बार मानसून मेहरबान रहा। ऐसे में इस बार छत्तीसगढ़ में धान की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद की जा रही है। इसी संभावना के साथ विष्णुदेव साय सरकार ने इस बार किसानों से धान खरीदी का अब तक का सबसे बड़ा लक्ष्य तय किया है।
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में इस वर्ष समर्थन मूल्य पर किसानों से की जाने वाली धान खरीदी के लक्ष्य के साथ ही धान खरीदी शुरू किए जाने की संभावित तारीख पर विचार किया गया। धान खरीदी के लिए बारदाना और किसानों को भुगतान के लिए पैसे की व्यवस्था आदि पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
मंत्रिमंडलीय उप समिति ने वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी के लिए संभावित लक्ष्य तय कर दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस बार किसानों से 160 लाख टन धान खरीदी करने का लक्ष्य रखा है। यह प्रदेश के अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा लक्ष्य है। इससे पहले कभी भी इतना बड़ा लक्ष्य तय नहीं किया गया था।
बता दें कि 2023 चुनावी वर्ष था, तब धान खरीदी का लक्ष्य तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने तय किया था। कांग्रेस सरकार ने 125 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा था। इस बीच प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया और भाजपा सत्ता में आ गई। भाजपा सरकार ने खरीदी की तारीख 5 फरवरी तक बढ़ाते हुए किसानों से समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख टन धान की खरीदी की।
छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी शुरू करने की तारीख को लेकर लगभग हर बार राजनीति होती है। सामान्यत: 1 नवंबर से खरीदी शुरू करने की तैयारी रहती है, लेकिन इस बार मंत्रिमंडलीय उप समिति ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू करने की संभावित तारीख 15 नवंबर तय की है, लेकिन इसका अंतिम निर्णय कैबिनेट में लिया जाएगा।
बीते वर्ष तक किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल के मान से खरीदी शुरू हुई थी। भाजपा ने चुनाव में किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदी करने का वादा किया था। ऐसे में सत्ता में आते ही भाजपा ने 2023 में ही प्रति एकड़ खरीदी के मापदंड में बदलाव कर दिया। इस वर्ष भी प्रदेश के किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से ही धान की खरीदी होगी।
छत्तीसगढ़ में इस बार भी किसानों को धान के लिए प्रति क्विंटल 3100 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। इसमें केंद्र की तरफ से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान सोसायटी में धान बेचने के एक-दो दिन के भीतर कर दिया जाएगा। बाकी अंतर की राशि का भुगतान बाद में किया जाएगा। प्रदेश में जब से धान समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर खरीदी शुरू की गई है तब से ऐसे ही भुगतान किया जा रहा है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किसानों को धान के अंतर की राशि तीन किस्तों में दी जाती थी, लेकिन भाजपा सरकार ने पिछले साल अंतर की राशि का भुगतान एक ही बार में कर दिया था।
केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2024-25 के लिए धान सहित अन्य कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले ही घोषित कर दिया है। धान की एमएसपी 2300 और 2320 रुपये तय की गई है।
छत्तीसगढ़ में किसानों से समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी सोसाइटी के खरीदी केंद्रों के माध्यम से की जाती है। प्रदेश में 2739 धान उपार्जन केंद्र हैं। फिलहाल मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ाने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी सभी 2739 केंद्रों से ही धान की खरीदी होगी।
इस बार धान की खरीदी 15 नवंबर से शुरू करने का फैसला किया गया है। माना जा रहा है कि फसल को देखते हुए खरीदी लेट से शुरू हो रही है। इसकी एक बड़ी वजह खरीदी केंद्रों में काम करने वाले डाटा इंट्री ऑपरेटरों की हड़ताल है। ऑपरेटर अपनी दो सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
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