CG News छत्‍तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांगा 850 करोड़ रुपये: 7 सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन

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CG News छत्‍तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांगा 850 करोड़ रुपये: 7 सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन

CG News रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी फिर एक बार अपनी लंबित मांगों को लेकर सक्रिय हो गए हैं। छत्‍तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्‍त मोर्चा ने वित्‍त सचिव मुकेश बंसल को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें मोर्चा ने अपनी लंबित सात मांगों का उल्‍लेख किया है।

वित्‍त सचिव को सौंपे ज्ञापन में छत्‍तीसगढ़ लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्‍यक्ष संजय सिंह, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्‍यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत और कर्मचारी- अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्‍ला ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को छत्तीसगढ़ राज्य की भाजपा सरकार से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव 2023 में राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को मोदी की गांरटी के तहत विगत 5 वर्षों से लंबित मांगों को पूर्ण करने का वादा किया गया है।

आपके कुशल नेतृत्व में बजट 2024 में राज्य के किसानों और महतारी बहनों से किए गए वादों को प्राथमिकता प्रदान की गई। राज्य के कर्मचारी और पेंशनर को आगामी बजट 2025 में बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं कि उनकी मांगों पर सरकार निर्णय लेगी। अतः आपसे निम्नलिखित मांगों की पूर्ति के लिए बजट प्रावधान करने का अनुरोध है।

CG News 1. डीए/डीआर का एरियर्स- राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को वर्ष 2024 में 1 जुलाई 2023 से देय 4 प्रतिशत डीए मार्च 2024 से और 1 जनवरी 2024 से देय डीए अक्टूबर 2024 भुगतान किया गया। पहले डीए में 8 माह व दूसरे डीए में 9 माह के एरियर्स राशि के भुगतान के लिए 850 करोड़ का बजट प्रावधान किया जाए।

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2. चतुर्थ समयमान वेतनमान – राज्य के अधिकांश कर्मचारियों को वर्तमान में 30 वर्ष की सेवा अवधि के बाद तृतीय समयमान वेतनमान दिया जा रहा है जबकि राज्य प्रशासनिक सेवा, वित्त सेवा, पुलिस सेवा, चिकित्सा सेवा के अधिकारियों को चार स्तरीय वेतनमान दिया जा रहा है। भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र 2013 में चार स्तरीय वेतनमान की घोषणा की गई थी। मप्र की शिवराज सरकार ने 1 जुलाई 2023 से 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान दिया है।

उल्लेखनीय है कि छत्‍तीसगढ़ राज्य में प्रथम, द्वितीय और तृतीय समयमान वेतनमान मप्र की तर्ज पर उसी अनुक्रम में लागू किया गया है। राज्य के समस्त कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान प्रदान किया जाए। चतुर्थ समयमान वेतनमान लागू करने पर प्रदेश के लिपिक साथी जो विगत 35 वर्षों से वेतनमान के विसंगति की लड़ाई लड़ रहे हैं, उनकी मांग का अधिकाधिक रूप से समाधान हो जाएगा।

CG News 3. अर्जित अवकाश नकदीकरण की अधिकतम सीमा 300 दिवस – छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्तमान में अधिकतम 240 दिन के अवकाश नकदीकरण का प्रावधान है। वर्ष 2013 में अधिकतम सीमा 300 दिवस के लिए मप्र पुनर्गठन अधिनियम के तहत सहमति भुगतान के लिए चाही गई थी। उस समय मप्र शासन ने असहमति व्यक्त की थी। लेकिन बाद में मप्र शासन द्वारा छत्तीसगढ़ शासन की बिना सहमति के अपने कर्मचारियों को 1 जुलाई 2018 से अधिकतम 300 दिवस के अर्जित अवकाश का नगदीकरण कर दिया। अतः उक्त लाभ छ.ग. राज्य के कर्मचारियों को प्रदान किया जाए।

4. ग्रेच्‍युटी की अधिकतम सीमा 25 लाख रूपये- सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत हो जाने पर ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख से बढ़कर 25 लाख रूपये हो जाएगी। केन्द्रीय कर्मचारियों के लिये 1 जनवरी 2024 से अधिकतम सीमा 25 लाख रूपये कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में इसे लागू किया जाए।

CG News 5. संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण – प्रदेश में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी, संविदा, आऊटसोर्सिंग और मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतनमान प्रदान करने के लिए बजट प्रावधान किया जाए तथा मोदी की गारंटी लागू करने के लिये नियमितीकरण/स्थायीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाए।

6. कर्मचारियों एवं पेंशनरों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा- राज्य के कर्मचारियों एवं पेन्शनरों को छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता प्राप्त समस्त चिकित्सा संस्थानों पर उत्तरप्रदेश की तर्ज पर पं. दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना छत्तीसगढ़ राज्य में लागू किया जाए। उल्लेखनीय है कि राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में कैशलेस चिकित्सा योजना लागू है।

CG News 7. राज्य के पेंशनरों को महंगाई राहत प्रदान करने के लिए भारत सरकार के पत्र दिनांक 13 नवंबर 2017 के आधार पर मप्र पुनर्गठन अधिनियम 2000 के अनुसार दोनों राज्यों की परस्पर सहमति की आवश्यकता को समाप्त करने का निर्देश जारी किया जाए ।

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