Finance Order रायपुर। छत्तीसगढ़ में 28 फरवरी के बाद सरकारी खरीदी नहीं होगी। इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। इसमें कुछ विभागों और खरीदी को इससे अलग रखा गया है।
वित्त विभाग के अफसरों के अनुसार वित्तीय वर्ष के अंत में हर वर्ष इस तरह की रोक लगाई जाती है। अफसरों के अनुसार बजट का उपयोग करने के लिए कई विभाग वित्तीय वर्ष के अंतिम महीनों में जल्दबाजी में केवल बजट उपयोग करने की दृष्टि से आवश्यकता न होने पर भी सामग्री खरीदी करते हैं। इससे सरकारी धान का अनावश्यक रूप से अवरूद्ध हो जाती है। यह प्रक्रिया शासन के हित में नहीं है। इसी कारण 28 फरवरी के बाद सभी खरीदी पर रोक लगा दी गई है।
केंद्रीय क्षेत्रीय योजना, केंद्र प्रवर्तित योजना (केन्द्रांश प्राप्त होने पर आनुपातिक राज्यांश सहित कुल राशि में से तथा SNA SPARSH), विदेशी सहायता प्राप्त परियोजना, केंद्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्राप्त अनुदान, नाबार्ड पोषित योजना, सिडबी, राष्ट्रीय आवास बैंक तथा विशेष केन्द्रीय सहायता पोषित परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु क्रय की जाने वाली सामग्री।
निर्माण विभागों (लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा) एवं वन विभाग से संबंधित चालू परियोजनाओं में भंडार की स्थिति का आंकलन करने के उपरांत आगामी एक माह में उपयोग आने वाली सामग्री।
जेलों, शासकीय एवं राज्य कर्मचारी बीमा योजनान्तर्गत चल रहे अस्पतालों तथा विभिन्न विभागों द्वारा संचालित छात्रावासों व आश्रमों में भोजन, कपड़ा, दवाईयों का क्रय तथा अन्य प्रासंगिक व्यय।
पोषण आहार के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रदाय किए जा रहे खाद्यान का क्रय तथा परिवहन ।
आसवनियों से खरीदी गई देशी मदिरा का क्रय
पेट्रोल, डीजल, वाहन मरम्मत और प्रतिस्थापन मद से वाहनों के क्रय से संबंधित व्यय
लेखन सामग्री से संबंधित क्रय रूपये 5,000 तक के और 5,000 तक अन्य आकस्मिक क्रय के देयक
तृतीय अनुपूरक अनुमान में किये गये वाले प्रावधानों के विरूद्ध क्रय।
इस आदेश के फलस्वरूप दिनांक 28 फरवरी, 2025 के बाद से चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक क्रय के लिए विभिन्न स्तरों पर छत्तीसगढ़ वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन भाग-1 एवं 2 में प्रदत्त शक्तियां अधिक्रमित रहेंगी।
उपरोक्त निर्देशों में किसी प्रकार का शिथिलीकरण केवल वित्त विभाग की अनुमति से किया जा सकेगा।
उपरोक्त प्रतिबंध राजभवन सचिवालय, छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय, मुख्यमंत्री निवास तथा मुख्यमंत्री सचिवालय (पेंट्री), माननीय उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों पर लागू नहीं होगा।