CG रायपुर। लोकतंत्र में जनता के वोट में बड़ी ताकत होती है। जनता चाहे तो एक साधारण व्यक्ति को चुनाव जीताकर आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा सकती है और जिसे चाहे अर्श से सीधे फर्श पर ला सकती है। छत्तीसगढ़ में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, जनपद और जिला पंचायत) में भी ऐसा ही कुछ हो रहा है।
मनेंद्रगढ़ जिला के एक गांव के लोगों ने ग्राम पंचायत के चुनाव में ऐसा कुछ किया है जिसकी चर्चा देशभर में होने लगी है। वहां के ग्रामीणों ने एक किन्नर को अपना सरपंच चुन लिया है। किन्नर ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा था। हालांकि पंचायत के चुनाव दलगत नहीं होते, लेकिन ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां से जुड़े लोग ही चुनाव लड़ते हैं।
दरअसल, मनेंद्रगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत चनवारीडांड़ के लोगों ने एक किन्नर को अपना सरपंच चुना है। सरपंच चुनी गई किन्नर का नाम सोनू उरांव है। सोनू उरांव छत्तीसगढ़ की पहली किन्नर सरपंच बनी हैं। इससे पहले कोई भी किन्नर सरपंच नहीं बनी थी।
चनवारीडांड़ के सरपंच पद के लिए भाजपा और कांग्रेस समर्थिक प्रत्याशियों के साथ कुल पांच प्रत्याशी थे। इनमें सीटिंग सरपंच गौरी सिंह भी शामिल थीं। सरपंच पद के अन्य प्रत्याशियों में शशिकला, मंगलवती सिंह मरावी और कलावती पैकरा शामिल थीं।
सोनू उरांव छत्तीसगढ़ की पहली किन्नर सरपंच बनी हैं। इससे पहले छत्तीसगढ़ में कोई भी किन्नर सरपंच का चुनाव नहीं जीत पाई थी। दुर्गा बाई मझावर के संबंध में दावा किया जाता है कि वे देश की पहली किन्नर सरपंच हैं। मझावर कटनी के एक गांव की सरपंच चुनी गई थीं। इसके बाद उन्होंने जनपद सदस्य का चुनाव भी जीतीं। दामोह से लोकसभा का भी चुनाव लड़ चुकी हैं।
बता दें कि रायगढ़ की जनता से नगर निगम चुनाव में मधु किन्नर को महापौर चुनकर इतिहास रचा था। मधु किन्नर छत्तीसगढ़ की पहली और देश की तीसरी किन्नर महापौर थीं।