DG Of Chhattisgah Police: रायपुर। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पवन देव अब महानिदेशक (DG) बन गए हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस में डीजी की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। इसी साल एडीजी अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता को डीजी प्रमोट किया गया है। छत्तीसगढ़ का अगला पुलिस महानिदेशक (DGP) इन्हीं तीन अफसरों में से कोई एक बन सकता है।
बताते चलें कि 1992 बैच के आईपीएस पवन देव को पहले ही डीजी बन जाना था, लेकिन विभागीय जांच लंबित होने की वजह से विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) ने उनके आदेश को लिफाफा बंद कर रखा था, लेकिन अब सरकार ने उन्हें प्रमोट करने का फैसला किया है। कुछ महीने पहले डीजी बनाए गए आईपीएस अरुण देव गौतम भी पवन देव के बैचमेट हैं। अरुण देव गौतम भी 1992 बैच के आईपीए हैं। वहीं राज्य पुलिस के तीसरे डीजी आईपीएस हिमांशु गुप्ता 1994 बैच के आईपीएस हैं।
तीनों डीजी पीएचक्यू से बाहर छत्तीसगढ़ पुलिस के तीनों डीजीपी फिलहाल पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) से बहार हैं। पवन देव पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के एमडी हैं। अरुण देव गौतम के पास नगर सेना सहित अन्य जिम्मेदारी हैं। दोनों अफसर लंबे समय से पीएचक्यू से बाहर हैं। डीजी बनाए जाने तक हिमांशु गुप्ता पीएचक्यू में थे, लेकिन अब वे भी पीएचक्यू से बाहर हो गए हैं। सरकार ने उन्हें जेल विभाग का डीजी बना दिया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस के अगले प्रमुख (डीजीपी) बनने के दावेदारों में यही तीनों अफसर शामिल हैं। वरिष्ठता के लिहाज से पवन देव सबसे ऊपर हैं। पवन देव को भले ही लेट से पदोन्नति मिली है, लेकिन वरिष्ठता सूची में वे ही ऊपर हैं। पवन देव के बा उन्हीं के बैचमेंट 1992 बैच के आईपीएस अरुण देव गौतम का नंबर आता है। इसके बाद हिमांशु गुप्ता का नाम आता है। गुप्ता 1994 बैच के हैं, इस लिहाज से दोनों डीजी से जूनियर हैं।
इन तीनों के आलाव दो और वरिष्ठ आईपीएस हैं। इनमें 1987 बैच के स्वागत दास और 1988 बैच के रवि सिन्हा शामिल हैं। लेकिन ये दोनों डीजीपी की दौड़ में शामिल नहीं हो सकते, क्योंकि दोनों लंबे समय से राज्य से बाहर है। दोनों अधिकारी इस वक्त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। दूसरा दोनों इस साल के अंत में रिटायर हो जाएंगे।
DG Of Chhattisgah Police: जानिए..छत्तीसगढ़ में कब होगी नए डीजीपी की नियुक्ति
छत्तीसगढ़ में नए डीजीपी की नियुक्ति इसी साल अगस्त में होनी थी, लेकिन राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्र ने मौजूदा डीजीपी अशोक जुनेजा को छह महीने का सेवा विस्तार दे दिया है। जुनेजा अब फरवरी में रिटायर होंगे। ऐसे में नए डीजीपी की नियुक्ति भी फरवरी में ही होगी। तब भी 1992 बैच के पवन देव और अरुण देव गौतम के साथ 1994 बैच के हिमांशु गुप्ता की इस पद के दावेदार रहेंगे।
प्रदेश पुलिस में अभी डीजीपी जुनेजा सहित 4 डीजी रैंक के अफसर हो गए हैं। जुनेजा के रिटयार होते ही एक और अफसर के डीजी प्रमोट होने की संभावना बढ़ जाएगी। चौथे अफसर जो डीजी बन सकते हैं वे हैं शिवराम प्रसाद कल्लूरी। कल्लूरी 1994 बैच के हैं और हिमांशु गुप्ता के बैचमेट है। कल्लूरी के बाद 1995 बैच के प्रदीप गुप्ता, 1996 बैच के विवेकानंद, 1997 बैच के दीपांशु काबरा, इसी बैच के जयदीप सिंह, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं के साथ अमित कुमार शामिल हैं। ये सभी अफसर अभी एडीजी रैंक पर हैं।
DG Of Chhattisgah Police: जानिए…कैसे तय होता है कौन बनेगा डीजीपी
डीजीपी भले ही राज्य में पदस्थ रहते हैं, लेकिन डीजीपी का नाम केंद्र सरकार तय करती है। किसी भी राज्य में डीजीपी की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार की तरफ से केंद्र को एक प्रस्ताव भेजा जाता है। इसमें राज्य सरकार 3 नामों का पैनल भेजती है। सामान्यत: राज्य सरकारें अपनी पसंद के हिसाब से क्रम तय करके यह प्रस्ताव केंद्र को भेजती है। केंद्र सरकार उनमें से एक नाम को मंजूरी देता है।
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