Liquor scam रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की समन पर पूर्व आबकारी मंत्री और बस्तर की कोंटा सीट से कांग्रेस विधायक कवासी लखमा रायपुर स्थित ईडी कार्यालय पहुंच गए हैं। लखमा के साथ उनके पुत्र हरीश लखमा और लखमा के तत्कालीन ओएसडी जयंत देवांगन भी ईडी कार्यालय पहुंचे हैं। तीनों से अलग-अलग कमरों में पूछताछ चल रही है। इस बीच लखमा की गिरफ्तारी की आशंका जाहिर की जा रही है।
ईडी कार्यालय रवाना होने से पहले पूर्व मंत्री लखमा ने फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैं बस्तर के गरीबों की आवाज उठाता हूं, इसलिए मुझे फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक मेरी सांस चलेगी तब तक मैं बस्तर के लोगों की आवाज उठाता रहूंगा। लखमा ने कहा कि मेरे यहां से ईडी को कुछ नहीं मिला है।
बता दें कि ईडी ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा, उनके पुत्र और उनसे जुड़े लोगों के यहां 28 दिसंबर को छापा मारा था। प्रदेश के चार अलग-अलग जिलों में सात स्थानों पर दो दिनों तक जांच चली। इस दौरान रायपुर में ईडी की टीम ने कवासी लखमा की गाड़ी की भी जांच की।
छापे के दौरान ईडी दस्तावेज के साथ डिजिटल डिवाइस जब्त करके ले गई। छापे के बाद लखमा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि मेरे यहां से ईडी को कुछ नहीं मिला है, लेकिन मेरा और मेरे बेटे का मोबाइल जब्त करके ले गए हैं। लखमा ने यह भी बताया था कि ईडी ने पूरे परिवार की संपत्ति की जानकारी मांगी है।
इधर, ईडी ने छापे को लेकर एक प्रेसनोट जारी किया है। इसमें ईडी ने पूर्व मंत्री लखमा के खिलाफ पुख्ता प्रमाण मिलने का दावा किया गया है। प्रेसनोट में ईडी की तरफ से बताया गया है कि लखमा को हर महीने राशि मिलती थी। ईडी का दावा है कि छापा में यह बात प्रमाणित हो गया है। ईडी की तरफ से ईओडब्ल्यू को भेजे गए प्रतिवेदन में लखमा को 50 लाख रुपये मिलने का दावा किया गया था।
छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान शराब के कारोबार में करीब 21 सौ करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगा है। यह भ्रष्टाचार अलग-अलग तरीके से किया गया। इसमें कमीशन के साथ ही नकली होलोग्राम का प्रयोग कर सरकारी दुकानों से शराब बेचने का भी आरोप शामिल है। इस मामले में अब तक ईडी पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुणपति त्रिपाठी शामिल हैं।