Maha Kumbh न्यूज डेस्क प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में स्नान करने जाने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए थोड़ी चिंता वाली खबर है। प्रयोगराज और उसके आसपास के सभी जिला इस वक्त ट्रैफिक जाम की वजह से बेहाल है। प्रयागराज पहुंचने वाली सभी सातों रुटों पर कई किलो मीटर लंबी जाम लगी हुई है। इसका असर न केवल दूसरे राज्यों और जिलों से महाकुंभ में स्नान करने आ रहे श्रद्घालुओं पर पड़ रहा है बल्कि स्थानीय लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।
प्रयागराज जाने वाले रास्तों पर ट्रैफिक जाम की स्थित यह है कि पड़ोसी राज्यों में भी व्यवस्था संभालना कठिन हो गया है। मध्य प्रदेश पुलिस के एक निरीक्षक का वीडियो सशोल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मध्य प्रदेश पुलिस के अफसर जाम में फंसे लोगों से वापस लौटने की अपील करते नजर आ रहे हैं। आगे पूरा रुट जाम है, लोग कई-कई घंटे से जाम में फंसे हुए हैं।
प्रयागराज पहुंचने के कुल सात रुट हैं। इसमें एक लखनऊ और प्रातपगढ़ वाला रुट है। दूसरा जौनपुर और तीसरा वाराणसी के रास्ते प्रयागराज पहुंचा जा सकता है। इसी तरह कौशांबी, त्रिकुट और मिर्जापुर के रास्ते भी प्रयोगराज पहुंचा जा सकता है। वहीं, पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के रींवा के रास्ते भी प्रयोगराज पहुंचा जा सकता है। इन सभी रुटों पर 10 से 15 किलो मीटर तक भीषण जाम है, जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रयागराज पहुंचने से 100 किलोमीटर पहले से ही ट्रैफिक इतना बढ़ जा रहा है कि वाहनों की रफ्तार कम हो जा रही है। यानी 100 किलो मीटर पहले से ही जाम की स्थित दिखनी शुरू हो जा राही है।
महाकुंभ में उमड़ी भीड़ का असर प्रयागराज में मेला क्षेत्र पर भी पड़ रहा है। बाहर से आने वाली गाड़ियों को शहर की सीमा में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है। वाहनों को बाहर पार्क करने के बाद लोगों को स्थानीय बस या आटो से प्रयागराज शहर में प्रवेश करने दिया जा रहा है। इसके बाद भी मेला क्षेत्र में लोगों को 8 से 10 किलो मीटर तक पैदाल चलना पड़ रहा है।
12 फरवरी के बाद भीड़ कम होने की उम्मीद बताया जा रहा है कि अभी यह भीड़ 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के विशेष स्नान की वजह से हो रही है। लोगों का कहना है कि 12 फरवरी के बाद भीड़ कम हो जाएगी, लेकिन प्रयागराज और मेला प्रबंधन से जुड़े अफसरों की राय में भी फिलहाल भीड़ कम होने की संभावना नहीं दिख रही है, क्योंकि लाखों की संख्या में लोग अलग-अलग रास्तों में भीड़ में फंसे हुए हैं, जो लोग प्रयागराज से 100 से 200 किलोमीटर की दूरी पर फंसे हुए हैं, अब वे प्रयागराज जरुर आएंगे, चाहें उन्हें 12 फरवरी के बाद ही स्नान करने का मौका क्यों न मिले। ऐसे में भीड़ कम होने की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अब तक 44 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी चला चुके हैं। अभी करोड़ों लोग स्नान की तैयारी में है। इसी वजह से भीड़ बढ़ गई है। प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों की भी स्थिति बहुत खराब है। रिजर्वेशन के बावजूद लोगों को सीट नहीं मिल रही है। स्लीपर ही नहीं एसी कोच में भी पैर रखने की जगह नहीं है। कई रेलवे स्टेशनों पर भीड़ का गुस्सा भी नजर आ रहा है। इधर, प्रयागराज के संगम रेलवे स्टेशन को 14 फरवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है।