Meter Reader:रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी बिजली कंपनी के लिए मीटर रीडिंग और स्पाट बिलिंग करने वाले कर्मचारी 1 नवंबर से हड़ताल पर बैठे हैं। 5 दिन के सांकेतिक हड़ताल के बाद मीटर रीडर 6 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसकी वजह से प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मीटर रीडिंग और बिलिंग का काम इस महीने ठप है।
छत्तीसगढ़ में 5 हजार से ज्यादा मीटर रीडर हैं, इनमें से ज्यादातर हड़ताल में शामिल हैं। इससे कंपनी का काम और उपभोक्ता सेवा प्रभावित हो रहा है।
इसके बाद भी कंपनी प्रबंधन उनकी मांगों के समाधान की दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रहा है, जबकि मीटर रीडरों के यूनियन की तरफ से वार्ता का प्रस्ताव भी दिया जा चुका है।
कंपनी प्रबंधन के इस उपेक्षा पूर्ण रवैये के कारण आंदोलनकारी बिजली मीटरों में आक्रोश बढ़ रहा है। अब तक प्रदेश के अलग- अलग जिला मुख्यालों में प्रदर्शन कर रहे मीटर रीडर अब राजधानी कूच करने की तैयारी में हैं। मीटर रीडरों का कहना है कि सवाल रोजीरोटी का है।
हमारी नौकरी गई तो इसका असर बच्चों के भविष्य और पूरे परिवार पर पड़ेगा। ऐसे में कंपनी प्रबंधन की तरफ से जब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखती, हम पीछे नहीं हटेंगे।
दरअसल, पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन मीटरों में रीडिंग की जरुरत नहीं पड़ेगी। उपभोक्ता रिचार्ज के जरिये बिजली का उपयोग करेंगे। मीटर रीडिंग और स्पाट बिलिंग बंद होने की स्थिति में मीटर रीडरों का काम छीन जाएगा। अभी ठेकेदारों के माध्यम से बिजली कंपनी में काम कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश मीटर रीडर लंबे समय से यह काम कर रहे हैं।
मीटर रीडिंग का काम बंद होने की स्थित में उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा। इसी वजह से मीटर रीडर बिजली कंपनी के गैर तकनीकी कामों में सेवा का अवसर देने की मांग कर रहे हैं।
बताते चलें कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में सरकार ने वहां के सभी ठेके मीटर रीडरों को संविदा नियुक्ति दी है। मीटर रीडरों के अनुसार केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से भी उन्होंने इस संबंध में मार्ग दर्शन लिया है।
ऊर्जा मंत्रालय के साथ ही पावर कंपनी के अफसरों ने भी कार्यालय सहायक के रुप में मीटर रीडरों की सेवाएं लेने पर सहमति जताई है।
पॉट बिलिंग एवं मीटर रीडिंग श्रमिक ठेका कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष देवलाल पटेल के अनुसार महासंघ की तरफ से मांगों के संबंध में कंपनी प्रबंधन को कई बार वार्ता का प्रस्ताव दिया जा चुका है।
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से पहले पावर कंपनियों के चेयरमैन से भी वार्ता का आग्रह किए थे, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में जैसे- जैसे समय बीत रहा है, मीटर रीडरों में असंतोष और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
Meter Reader:कंपनी में मैन पावर की कमी हो सकती है दूर महासंघ के अध्यक्ष पटेल के अनुसार पावर कंपनी में मैन पावर की बहुत कमी है। ऐसे में उपभोक्ता सेवा से जुड़े बहुत से काम ठेका पर कराए जा रहे हैं। इतना ही नहीं कंपनी के नियमित तकनीकी कर्मचारियों से कार्यालय सहायक का काम लिया जा रहा है।
इससे कंपनी का काम और उपभोक्ता सेवा प्रभावित हो रहा है। ऐसे में यदि कंपनी प्रबंधन प्रदेश के 5300 मीटर रीडरों को कार्यालय सहायक के रुप में गैर तकनीकी कामों के लिए रख लेती है तो इस समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा।