Nagar Nigam: रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक तरफ नगरीय निकाय चुनावों की तैयारी चल रही है, दूसरी तरफ निकायों के कर्मचारियों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। निकायों में सक्रिय नव नियुक्त अधिकारी- कर्मचारी कल्याण संघ ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन तेज करने की घोषणा कर दी है।
संघ ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है कि यदि 10 दिसंबर तक उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ तो वे 11 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस बीच एक नगर निगम के कर्मचारियों और उनके परिजनों ने इन्हीं मांगों को लेकर नगर निकाय चुनाव के मतदान में शामिल नहीं होने की घोषणा कर दी है। इस संबंध में उन्होंने कलेक्टर और विभागीय मंत्री को भी लिखित में सूचना दे दी है।
नव नियुक्त अधिकारी- कर्मचारी कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष राजेश सोनी ने बताया कि हमारी 6 सूत्रीय मांगें हैं। निगम प्रशासन से लेकर विभाग तक को ज्ञापन के माध्यम से मांगों के संबंध में जानकारी दे दी गई है। इसके बावजूद हमारी मांगों को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा है। इसी वजह से विवश होकर संघ को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है।
अध्यक्ष सोनी ने बताया कि 6 सूत्रीय मांगों को लेकर बिलासपुर नगर निगम 12 से 14 नवंबर तक हड़ताल किया गया था, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ। विभाग और सरकार के इस रवैये से नाराज बिलासपुर नगर निगम के कर्मचारियों ने आगामी निकाय चुनाव के मतदान में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
नगर निगम कर्मचारियों के साथ ही उनके परिजन भी मतदान में शामिल नहीं होगी। मतदान नहीं करने के अपने फैसले के संबंध में बिलासपुर नगर निगम के कर्मचारियों ने कलेक्टर और नगरीय प्रशासन मंत्री को पत्र के माध्यम से जानकारी भेज दी है।
नव नियुक्त अधिकारी- कर्मचारी कल्याण संघ की मांगों में पहली मांग हर महीने की 1 तारीख को ट्रेजरी के माध्यम से वेतन सुनिश्चित करने की है। संघ नगरीय निकायों में ठेका और प्लेसमेंट पद्धति को समाप्त करने की मांग कर रहा है।
कल्याण संघ की मांगों में निकायों में पुरानी पेंशन योजना लागू करने और निकायों के दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति की मांग भी शामिल है। इसी तरह संघ 12 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को पदोन्नति देने की मांग कर रहा है। इसके साथ ही संघ छठवें और सातवें वेतनमान के एरियर्स के भुगतान की भी मांग कर रहा है।
नव नियुक्त अधिकारी- कर्मचारी कल्याण संघ के अनुसार 11 दिसंबर से होने वाले अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर प्रदेश के सभी 184 नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों) में होगा। बता दें कि निकाय कर्मचारियों के आंदोलन की स्थिति में चुनाव का काम भी प्रभावित हो सकता है।