Nursing Home Act रायपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता के नेतृत्व में नर्सिंग होम संचालकों और डॉक्टर्स को आज बड़ी सफलता मिली है। राज्य सरकार ने क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2013 में बदलाव की मांग स्वीकार करते हुए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। राज्य सरकार की इस पहल से छत्तीसगढ़ के 30 बिस्तर तक के अस्पतालों को फायदा होगा।
एक्ट में किए गए इस संशोधन के बाद अस्पतालों के लिए लाइसेंस प्राप्त करना आसान हो गया है। तय मापदंडों का पालन करने वाले सभी क्लिनिक को अब आवेदन के साथ एक शपथ पत्र देना होगा।
इसके आधार पर स्वत: लाइसेंस मिल जाएगा। इस लाइसेंस को ऑन लाइन डाउन लोड किया जा सकता है। यानी आवेदन करने से लेकर सर्किटफिकेट प्राप्त करने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों में से केवल 10 फीसदी संस्थाओं का मुख्य चिकित्सा अधिकारी की टीम निरीक्षण करेंगी। निरीक्षण के दौरान कहीं कोई कमी मिलती है तो उसे ठीक करने के लिए एक महीने की मोहलत दी जाएगी। इस समय सीमा में कमी को ठीक करना होगा।
डॉक्टर्स ने बताया कि एक्ट में संशोधन किए जाने से अब 1 से 10 बिस्तर तक के अस्पतालों को निर्धारित मापदंडों का पालन करते हुए आवेदन के साथ शपथपत्र देने होगा। इसके आधार पर लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके बाद तीन महीने के भीतर उन्हें निर्धारित मापदंडों को पूरा करना होगा।
इसी तरह 11 से 30 बिस्तर तक के अस्पतालों को नियमों के तहत आवेदन करना होगा। आवेदन करने के तीन महीने के भीतर चिकित्सा अधिकारी और उनकी टीम निरीक्षण कर लाइसेंस जारी करेगी।
किसी कारणवश 3 महीने के अंदर यह प्रक्रिया जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी और उनकी टीम पूरी नहींकर पाती है तो ऐसी संस्थाएं स्वत: पंजीकृत मानी जाएगी।
इसके बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया हर पांच साल बाद की जाएगी। बताते चलें कि अक्टूबर 2023 से बहु-प्रतीक्षित सरलीकरण प्रक्रिया को अभी प्रकाशित किया गया है।