Police रायपुर। पुलिस मुख्यालय और हिदायतुल्लाह लॉ यूनिवर्सिटी के मध्य पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों को न्यू क्रीमिनल लॉ का प्रशिक्षण देने के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया है। बता दें कि नए कानूनों के प्रतिशक्षण को लेकर राज्य पुलिस और हिदायतुल्लाह लॉ यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू हुआ है।
इसी के तहत नेताजी सुभाषचंद्र बोस राज्य पुलिस अकादमी और हिदायतुल्ला लॉ यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वाधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह कार्यशाला 20 से 24 जनवरी तक किया जा रहा है। कार्यशाला का शुभारंभ अकादमी के निदेशक डॉ. रतन लाल डांगी और हिदायतुल्लाह लॉ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार दीपक कुमार श्रीवास्तव ने किया।
इस पांच दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न जिलों,इकाईयों से उपस्थित कुल 101 पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को हिदायतुल्लाह लॉ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स, विभिन्न न्यायालयों के न्यायाधीशों, लोक अभियोजन अधिकारियों द्वारा नवीन कानून की बारिकियों से अवगत कराया जाएगा। इस प्रशिक्षण को शैक्षणिक प्रशिक्षण के रूप में न देखा जाकर व्यवहारिक प्रशिक्षण के रूप में देखा जा सकता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य कानूनी ज्ञान का विस्तार करने के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान का विस्तार करना है।
अकादमी के निदेशक डॉ. रतन लाल डांगी ने कहा कि कानून समाज के हिसाब से चलते हैं, कानून बनाने के लिए हमारी परंपराओं को भी ध्यान में रखा जाता है। समाज की आवश्यकता के अनुरूप भी कानून बनाए जाते हैं, जिससे अपराध को रोका जा सके। हमारे लोगों को न्याय मिल सके इसके लिए नए कानून को लाया गया है।
हमने महसूस किया कि पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को फील्ड में इसे क्रियान्वित करने में बहुत सारी परेशानियां आ रही है जिसके मद्देनजर पुलिस महानिदेशक के निर्देशानुसार हिदायतुल्ला लॉ यूनिवर्सिटी के सहयोग से यह मास्टर ट्रेनर बनाए जाने संबंधी कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
निदेशक डॉ. डांगी ने कहा कि विवेचना के दौरान विवेचक अधिकारी को विवेचना की चैन ब्रेक न हो इसका ध्यान रखना चाहिए। एफआईआर लेखन से लेकर माननीय न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत करने तक, विवेचना की चैन नहीं टूटनी चाहिए। प्रत्येक बारिकीयों का ध्यान रखा जाना चाहिए।
इस कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को इस विषय पर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित करने की मंशा से यह ट्रेनिंग आयोजित की जा रही है,जो यहां से प्राप्त प्रशिक्षण का लाभ न केवल अपनी विवेचना के दौरान उठायेंगे अपितु अपने थानों में अपने अधीनस्थों को साझा कर उन्हें भी इस प्रशिक्षण का लाभ पहुंचाएंगे।
प्रशिक्षण शुभारंभ अवसर पर हिदायतुल्ला लॉ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा समाज रोज परिवर्तित हो रहा है, इस गतिशील समाज में अपराध के तरीके भी बदल रहे हैं। सन् 1860 में मोबाईल उपयोग नहीं हुआ करता था,मॉब लीचिंग, सायबर फ्रॉड नहीं हुआ करता था, किन्तु अब इनसे अनेकों अपराध जनित हो रहे हैं जिनके लिये नया कानून बनाया गया है।
पुलिस ग्राउण्ड लेबल पर कार्य करती है, जिसे इस कानून को प्रथमतः क्रियान्वित करना है, जिसके लिये यह प्रशिक्षण दिया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। नवीन कानून न्याय प्रदान करने वाला है न कि दंड प्रदान करने वाला।
इस अवसर पर अकादमी के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने विभिन्न जिलों से आए पुलिस प्रतिभागियों को इस कार्यशाला में एकाग्रचित्त होकर पूर्ण मनोयोग से उपस्थित रहने तथा फील्ड में इस कानून को क्रियान्वियत करते समय आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों को सूचीबद्ध कर विषय विशेषज्ञों से शंका समाधान करने को कहा।
इस कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर हिदायतुल्ला लॉ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. अभिनव शुक्ला, अकादमी के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. पंकज शुक्ला, उप पुलिस अधीक्षक इरफान हसन काजी, एडीपीओ शुभम तोमर और समस्त अकादमी प्रशिक्षण स्टॉफ उपस्थित रहे।