Power company रायपुर। छत्तीसगढ़ की पावर कंपनी में पदोन्नति में फंसी आरक्षण की पेंच का मामला सुलझने की उम्मीद बढ़ गई है। कंपनी प्रबंधन ने पदोन्नति में आरक्षण के मामले को सुलझाने के लिए कमेटी गठित करने का फैसला किया है। इस कमेटी में तीनों ही पावर कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे। इस संबंध में पावर कंपनी प्रबंधन की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है। इस कमेटी में सभी वर्गों यानी सामान्य, ओबीसी, एससी और एसटी के साथ ही महिला प्रतिनिधि भी शामिल किए जाएंगे।
इस संबंध में पावर कंपनी प्रबंधन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि बिजली आपूर्ति जैसी आपातकालीन सेवाओं में लगी कंपनियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे किसी भी अचानक प्रशासनिक हंगामे से बचें, पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के 16.04.2024 के निर्णय (डब्ल्यूपीएस 9778/2019 पर पारित) को 04.02.2019 के पूर्व निर्णय (डब्ल्यूए 409/2013 पर पारित) के साथ सुचारु रूप से चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए एक विवेकपूर्ण तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 16.04.2024 के निर्णय में विशेष रूप से निर्देश दिया कि “सीएसपीएचसीएल को विभाग पर लागू मौजूदा पदोन्नति नियमों के अनुसार पदोन्नति आदेश जारी करना आवश्यक है।” इसलिए, चरण-1 में सेवानिवृत्ति/पदोन्नति आदि के कारण समय-समय पर उत्पन्न होने वाली रिक्तियों के संबंध में नियमित पदोन्नति आदेश, पहले से पदोन्नत अधिकारियों/कर्मचारियों को पदावनत किए बिना, अनंतिम रूप से जारी किए जाएंगे (यहां तक की सशर्त भी)। ये पदोन्नति आदेश छत्तीसगढ़ राज्य सरकार/छत्तीसगढ़ राज्य बिजली कम्पनियों द्वारा उच्च न्यायालय के 16.04.2024 के निर्णय (डब्ल्यूपीएस 9778/2019 पर पारित) के अनुपालन से संबंधित मामलों में लिए गए आगे के निर्णय के अधीन होंगे।
कंपनी प्रबंधन की तरफ से जारी आदेश के अनुसार विभिन्न अधिकारियों/कर्मचारियों/याचिकाकर्ताओं/यूनियनों/एसोसिएशनों ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के 16.04.2024 के निर्णय (डब्ल्यूपीएस 9778/2019 पर पारित) के अनुपालन में की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में अपने अभ्यावेदन प्रस्तुत किए हैं, इसलिए ऐसे अभ्यावेदन की समीक्षा करने के लिए तीनों राज्य विद्युत कम्पनियों के मानव संसाधन विभाग के प्रमुखों की एक समिति गठित की जा रही है, जिसमें यूआर, एससी, एसटी, ओबीसी और महिला श्रेणी के अधिकारियों का एक प्रतिनिधि शामिल होगा। इसके अलावा, हितधारक परिपत्र जारी होने की तिथि से एक सप्ताह के भीतर संबंधित राज्य विद्युत कम्पनियों के मानव संसाधन विभाग के कार्यालय में अपने अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकते हैं, यदि पहले प्रस्तुत नहीं किए गए हैं।
Power company समिति अभ्यावेदनों की समीक्षा करेगी, उपलब्ध विकल्पों की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करेगी और प्रत्येक संवर्ग के लिए अलग-अलग उपयुक्त तंत्र की सिफारिश करेगी, जैसे कि अतिरिक्त रिक्तियों/पदच्युति आदि को तैयार करना, जो कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के 04.02.2019 (WA 409/2013 पर पारित) और 16.04.2024 (WPS 9778/2019 पर पारित) के निर्णयों के अनुपालन में किया जाना है।
समिति इस आदेश की तिथि से 3 महीने के भीतर सीएसपीसी के अध्यक्ष को सिफारिशें/रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। फिर ऐसी सिफारिशों पर निर्णय के अनुसार अगले चरण में आगे की कार्रवाई की जाएगी।