Power company:  नए बिजली मुख्‍यालय के लिए टेंडर जारी, डंगनिया में कर्मचारी संगठनों का विरोध प्रदर्शन आज

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Power company:  नए बिजली मुख्‍यालय के लिए टेंडर जारी, डंगनिया में कर्मचारी संगठनों का विरोध प्रदर्शन आज

Power company:  रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की सरकारी बिजली कंपनियों का मुख्‍यालय डंगनिया से नवा रायपुर शिफ्ट किया जाएगा। नवा रायपुर के सेक्‍टर 24 में यह भवन प्रस्‍तावित किया गया है। बिजली कंपनी का नया मुख्‍यालय भवन बनाने के लिए टेंडर जारी भी जारी कर दिया गया है। टेंडर ऑनलाइन जारी किया गया है। प्रक्रिया 20 दिसंबर को टेंडर जमा किया जाएगा।

बिजली कंपनी मुख्‍यालय को नवा रायपुर शि‍फ्ट किए जाने को पावर कंपनी के इंजीनियर और कर्मचारी बड़ी साजिश बता रहे हैं। इसके खिलाफ उन्‍होंने मोर्चा भी खोल दिया है। कंपनी के सेवानिवृत्‍त इंजीनियरों और अधिकारियों के यूनियन ने मुख्‍यमंत्री को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है। वहीं, बिजली कर्मचारी महासंघ आज डंगनिया में विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है। महासंघ का यह आंदोलन पहले से घोषित था, लेकिन अब इसमें मुख्‍यालय शिफ्टिंग का मुद्द भी जुड़ गया है।

Power company:   आम लोगों पर भी पड़ेगा भार

बिजली कंपनी के अफसरों के अनुसार प्रारंभिक तौर पर मुख्‍यालय शिफ्टिंग पर 200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है, लेकिन जानकार कह रहे हैं इससे कई गुना ज्‍यादा खर्च होगा। इससे कंपनी पर अतिरिक्‍त आर्थिक बोझ पड़ेगा और इसका सीधा असर उपभोक्‍ताओं की बिजली दरों पर पड़ेगा, क्‍योंकि कंपनी का पूरा खर्च उपभोक्‍ताओं से ही वसूल किया जाता है।

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Power company:  निजीकरण की साजिश

बिजली कंपनी के इंजीनियर और कर्मचारी इसे बड़ी साजिश के रुप में देख रहे हैं। कर्मचारियों के अनुसार इससे कंपनी का स्‍थापना व्‍यय बढ़ेगा। ऐसे में घाटे की आड़ में कंपनी का निजीकरण कर दिया जाएगा, जैस उत्‍तर प्रदेश में किया जा रहा है। चंडीगढ़ और जम्‍मू- कश्‍मीर में भी बिजली सेक्‍टर प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है। बता दें कि उत्‍तर प्रदेश की बिजली कंपनी करीब एक लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा के घाटे में चली गई है। वहां कंपनी के निजीकरण की तैयारी चल रहा है।

Power company:   राजस्‍व कमी का सामना कर रही बिजली वितरण कंपनी

छत्‍तीसगढ़ की सरकारी बिजली वितरण कंपनी पहले ही राजस्‍व की कमी का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत नियामक आयोग को दिए जाने वाले टैरिफ प्रस्‍ताव में कंपनी प्रचलित दर पर राजस्‍व आधिक्‍य बताती है, लेकिन पुराने घाटा की पूर्ति के लिए अतिरिक्‍त राजस्‍व की मांग करती है। पिछले ट‍ैरिफ प्रस्‍ताव में कंपनी ने 3626 करोड़ का फायदा होने का अनुमान बताया था, लेकिन पुराने राजस्‍व घाटा की पूर्ति के बाद 44 सौ करोड़ से ज्‍यादा अतिरिक्‍त राजस्‍व की जरुरत बताया गया था। ऐसे में बिजली की दरें बढ़ानी पड़ी थी। वित्‍तीय वर्ष 2025-26 के टैरिफ प्रस्‍ताव में भी कंपनी की तरफ से करीब 4500 करोड़ रुपये अतिरिक्‍त राजस्‍व की जरुरत बताया गया है।

रिटायर्ड पावर इंजीनियर्स-आफिसर्स एसोसिएशन ने बताया अनावश्‍यक खर्च

छत्तीसगढ़ रिटायर्ड पावर इंजीनियर्स-आफिसर्स एसोसिएशन ने कंपनी मुख्‍यालय शिफ्टिंग को अनावश्‍यक खर्च बताया है। एसोसिएशन की तरफ से मुख्‍यमंत्री को पत्र भी लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि कंपनी के इतना ही अतिरिक्‍त पैसा है तो इसे कंपनी के कल्‍याण और उपभोक्‍ता सेवा में सुधार पर खर्च कर दिया जाए।

Power company:   महासंघ ने कहा- एक होंगे तो सेफ होंगे

बिजली कर्मचारी महासंघ ने कंपनी के सभी संगठनों को एकजुट होकर इस फैसले का विरोध करने की अपील की है। महासंघ ने एक होंगे तो सेफ होंगे का नारा बुलंद करते हुए कहा कि समय रहते इसका विरोध नहीं किया गया तो घाटा की आड़ में कंपनी का निजीकरण कर दिया जाएगा।

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