Power सर्वहित संघ का आरोप:  हाईकोर्ट के आदेश की आवहेलना कर रहा है पॉवर कंपनी प्रबंधन

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Power सर्वहित संघ का आरोप:  हाईकोर्ट के आदेश की आवहेलना कर रहा है पॉवर कंपनी प्रबंधन

Power  रायपुर। छत्‍तीसगढ़ सर्वहित संघ ने पॉवर कंपनी प्रबंधन  पर पदोन्‍नति के मामले में हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर संघ की तरफ से आज रायपुर प्रेस क्‍लब में प्रेसवार्ता का आयोजनय किया गया है। संघ के महासचिव आशीष अग्निहोत्री  व अन्‍य पदाधिकारी मौजूद थे।

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि छत्‍तीसगढ़  सर्वहित संघ छत्तीसगढ़ प्रदेश में सामान्य और पिछड़ी जाति के हितो की रक्षा के लिए प्रदेश स्तरीय संगठन है। संघ के पदाधिकारी द्वारा बताया गया पदोन्‍नति  में आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा 4 फरवरी 2019 को विभिन्न अपीलों (WA 409/2013 & 471/2013) के फैसले में स्पष्ट निर्देशित किया है कि पदोन्‍नति  नियम 2003 की धारा 5 जो कि पदोन्नतियों में आरक्षण को निर्धारित करती है को अपास्त किया जाता है साथ ही उसके परिणामों को लागू किया जाना है। जिसका अर्थ है कि 2003 से पदोन्‍नति  में आरक्षण को निरस्त कर तत्कालीन समय-समय से हुई पदोन्नतियों पर पुनः जारी वरिष्ठता सूची के आधार पर कार्यवाही किया जाना है।

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Power हाईकोर्ट के इस फैसले पर छत्‍तीसगढ़ सरकार ने जो प्रक्रिया अपनाई है उसे फिर से चुनौती दी गई जिसका अंतिम निर्णय उच्च न्यायालय 16 अप्रैल 2024 को जारी किया गया। इस निर्णय में कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि पूर्व अपनाई गई प्रक्रिया मान्य नहीं है। निर्णय में स्पष्ट लेख है कि छत्‍तीगसढ़ की पावर कंपनीयों को वर्तमान विद्यमान पदोन्‍नति  नियम (जिसमें पदोन्‍नति  में आरक्षण को अमान्य किया गया है) के आधार पर पदोन्नतियां करनी होगी।

उच्च न्यायालय के इस निर्णय के परिपालन में पावर कंपनीयों की तरफ से  2003 के आधार पर सितम्बर 2024 में वरिष्ठता सूची तो जारी कर दी गई पर 2019 के निर्णय के 6 साल भी बीत जाने के बाद भी पूर्व में की गई अवैधानिक पदोन्नतियों पर कोई कार्यवाही नहीं करी गई जिससें कई पात्र अधिकारी कर्मचारी पदोन्‍नति  से वंचित है।

Power  पावर कंपनीयों में 2004 के बाद जारी पदोन्नतियों में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि उच्च न्यायालय का निर्णय आने पर उक्त आदेश निरस्त माने जा सकते है लेकिन खेद का विषय है कि निर्णय के 6 साल भी बीत ने के बाद भी कई अधिकारी कर्मचारी बिना पदोन्‍नति  पाए सेवानिवृत्त हो रहे है जो कि स्पष्ट रूप से उच्च न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन है।

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छत्‍तीसगढ़ सर्वहित संघ के महासचिव आशीष अग्निहोत्री ने बताया की विभिन्न न्यायालयों के अनेक निर्णय जिसमें पदोन्‍नति  में आरक्षण को अमान्य किया गया है साथ ही क्रीमीलेयर के आधार पर वर्गीकरण के सुधाव दिए गए हैं  इसके बावजुद अधिकारी स्तर पर पदोन्‍नति  में गलत प्रक्रिया अपनाए जाने का भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने विभिन्न न्यायालय से जारी अनेक फैसलों के प्रति दिखाते हुए बताया है कि सभी याचिकाओं के खारिज होने बाद अंतिम निर्णय हमारे पक्ष में आया है इसके बावजुद भी पावर कंपनी द्वारा निर्णय करने में देरी की जा रही है।

Power  छ.ग. सर्वहित संघ के विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर अवैधानिक पदोन्नतियों को निरस्त करने एवं पात्र लोगो का आदेश जारी करने का निवेदन किया उन्होने बताया कि उच्च न्यायालय के फैसले को ना मानने से लगभग 2000 अधिकारी कर्मचारी का हित प्रभावित हो रहा है।

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