जिस की पात्रता नहीं, वह डिग्री बांट रहे प्राइवेट मेडिकल काॅलेज और यूनिवर्सिटी
1 min readरायपुर। chaturpost.com (चतुरपोस्ट.काॅम)
प्रदेश में संचालित प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी डिग्री को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। इन कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में कई ऐसे कोर्स का पढ़ाया जा रहा है जिसकी उन्हें पात्रता नहीं है।
छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में कार्यवाही करने का आग्रह किया है। कुलपति ने यह पत्र 10 जून 2022 को लिखा था।
मुख्य सचिव को भेजे पत्र में आयुष यूनिवर्सिटी के कुलपति ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) दिनांक 16 सितंबर 2008 विधि एवं विधायी कार्य विभाग, मंत्रालय, दाऊकल्याण सिंह भवन, रायपुर क्रमांक 8850/डी. 242 / 21-अ/प्रा/छ.ग./08 छत्तीसगढ़ विधानसभा का अधिनियम ’’ छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2008’’ जिस पर दिनांक 12 सितंबर 2008 को माननीय राज्यपाल महोदय, जी की अनुमति प्राप्त हो चुकी है।
यूनिवर्सिटी का वर्तमान नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ है। वहीं, छत्तीसगढ़ राजपत्र दिनांक 29 अप्रैल 2016 से प्रभावशील है। यूनिवर्सिटी द्वारा चिकित्सा शिक्षा से संबंद्ध आधुनिक चिकित्सा पद्धति, दंत चिकित्सा, आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी, नर्सिंग, फिजियोथैरेपी, लोक स्वास्थ्य व अन्य पाठ्यक्रमों का संचालन, संबंद्धता, परीक्षा आयोजन और उपाधि प्रदान किया जाता है।
छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी अधिनियम 2008 की धारा 06) (1), (2) एवं (3) के अनुक्रम में प्रदेश के अन्य कोई संस्था, यूनिवर्सिटी और कॉलेज द्वारा उपरोक्त पाठ्यक्रमों का संचालन नहीं किया जा सकता है।
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आयुष यूनिवर्सिटी के कुलपति ने 10 जून 2022 को प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया था, कि चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम के संचालन के लिए दिनांक 16 सितंबर 2008 से आयुष यूनिवर्सिटी प्रभावशील है फिर प्राइवेट यूनिवर्सिटी के लिए उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से दिनांक छह अपै्रल 2022 को राजपत्र (असाधारण) के प्रावधानों का क्रियान्वयन नहीं किया जा सकता।
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बता दें छत्तीसगढ़ के कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटी द्वारा छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम की धारा 29 (2) के तहत चिकित्सा शिक्षा से संबंधित अनेक पाठ्यक्रम चालू किए जा रहे है जो कि नियमानुसार सही नहीं है। उक्त सभी संचालन उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत न होकर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत होना चाहिए।
कई विज्ञापनों में प्राइवेट यूनिवर्सिटी द्वारा भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, कि उनके द्वारा अनेक चिकित्सा पाठ्यक्रम जैसे- फिजियोथैरेपी, नर्सिंग, पैरामेडिकल, पाठ्यक्रम संचालित हो रहे है इससे लगातार भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, कि इन प्राइवेट यूनिवर्सिटी के चिकित्सा शिक्षा संकाय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की डिग्री आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय प्रदान करेगी या प्राइवेट यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाएगी। यदि डिग्री प्राइवेट यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान की जाती है, तो उन्हे अपने यूनिवर्सिटी में प्रवेश देने के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा, काउंसिलिंग, इत्यादि आयोजित किए जाने चाहिए।… और यदि डिग्री आयुष विश्वविद्यालय द्वारा दिए जाते है तो उन्हे संबंधित यूनिवर्सिटी से नियमानुसार संबद्धता प्राप्त करनी होगी।