Sharab Ghotala: शराब घोटाले में नया FIR: CM के सचिव सहित इन अफसरों के खिलाफ नामजद मुकदमा..
1 min readSharab Ghotala: रायपुर। छत्तीसगढ़ की ही तरह कथित तौर पर झारखंड में भी बड़ा शराब घोटाला हुआ है। झारखंड के भी कथित शराब घोटाला में भी यहां के आरोपियों की भूमिका है। इस मामले में झारखंड से आई एक लिखित शिकायत के आधार पर छत्तीसगढ़ की राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण और एंटी करप्शन ब्यूरो (EOW-ACB) ने एक नया एफआईआर दर्ज किया है। इस एफआईआर में कथित भ्रष्टाचार की पूरी कहानी बताई गई है।
एफआईआर में छत्तीसगढ़ और झारखंड के आईएएस अफसरों का नाम
ईओडब्ल्यू-एसीबी में दर्ज एफआईआर में छत्तीसगढ़ और झारखंड के आईएएस अफसरों का भी नाम हैं। इनमें छत्तीसगढ़ के आईएएस अनिल टूटेजा के साथ आईटीएस अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के साथ अन्य लोगों का नाम शामिल हैं। आईएएस निरंजन दास का भी नाम है। वहीं एफआईआर में झारखंड के एक आईएएस अफसर विनय कुमार चौबे का नाम है। चौबे मुख्यमंत्री के सचिव रह चुके हैं। उन पर आबकारी सचिव रहते गड़बड़ी करने का आरोप है। झारखंड के ही संयुक्त आबकारी आयुक्त गजेन्द्र सिंह का भी नाम एफआईआर में है।
Sharab Ghotala: पढ़िए.. एफआईआर के जरिये पूरी कहानी
झारखंड के विकास सिंह की तरफ से की गई शिकायत के आधार पर ईओडब्ल्यू- एसीबी ने यह एफआईआर दर्ज की की है। इसमें कहा गया है कि अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरूणपति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट के विरूद्ध झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर षड़यंत्र पूर्वक झारखंड की आबकारी नीति में फेरबदल कर झारखंड में देशी और विदेशी शराब के टेंडर, सिंडीकेट के लोगों को दिलवाकर धोखाधड़ी करने और झारखंड शासन को करोड़ों की क्षति पहुंचाने और भ्रष्टाचार करने के संबंध में शिकायत।
Sharab Ghotala: पढ़िए.. झारखंड में कैसे हुए शराब घोटाला
शिकायत में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के द्वारा अपने साथी निरंजनदास, अरूणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर और अन्य लोगों का सिंडीकेट बनाकर राज्य की आबकारी नीति के नियम में फेरबदल कर अपने सिंडीकेट के लोगों के माध्यम से शराब निर्माता कंपनी के मालिकों से देशी शराब के खरीदी रेट को भर कर करोड़ों रूपयों का कमीशन प्राप्त किया गया। सिंडीकेट द्वारा प्रदेश में बिना हिसाब की डुप्लीकेट होलोग्राम लगी देशी शराब की बिक्री कर और विदेशी शराब की सप्लाई का कार्य एफएल 10 ए लाइसेंस के रूप में नियम बनाकर अपने करीबी एजेंसियों को विदेशी शराब सप्लाई का काम दिलाकर उन कंपनियों से करोड़ों रूपये का अवैध कमीशन प्राप्त कर करोड़ों रूपयों की अवैध कमाई की गई।
इस कारण छत्तीसग में अनिल टुटेजा, अरूणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर और उनके सिंडीकेट के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। यह कि अनिल टुटेजा और उनके सिंडिकेट के द्वारा झारखंड राज्य में भी अवैध शराब व्यवसाय करने के इरादे से जनवरी 2022 में अनवर ढेबर और अरूणपति त्रिपाठी ने झारखंड के आबकारी सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर ठेकेदारी प्रथा के स्थान पर सीएसएमसीएल के माध्यम से देशी-विदेशी शराब वितरण से होने वाले लाभ और अवैध आय की जानकारी देकर मिलकर कार्य करने और छत्तीसगढ़ की व्यवस्था झारखंड में लागू करने के लिए राजी किया गया।
झारखंड की पूरी आबकारी नीति बदल दी गई..
इस संबंध में झारखंड और छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के अधिकारी और छत्तीसगढ़ में आबकारी व्यवसाय से लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के द्वारा रायपुर में मीटिंग की गई थी। झारखंड में भी किस प्रकार छत्तीसगढ़ में किए गएशराब व्यवसाय में अवैध मुनाफा प्राप्त किया जाए, इसके लिए आपराधिक षड़यंत्र करते हुए योजना बनाई गई। योजना के अनुसार अनवर ढेबर, अरूणपति त्रिपाठी झारखंड के आबकारी सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त आबकारी आयुक्त गजेन्द्र सिंह द्वारा उनके वरिष्ठ लोगों को विश्वास में लेते हुए झारखंड राज्य में नई आबकारी निती लागू करने की तैयारी किए। इसके लिए झारखंड विधान सभा में RESOLUTION पारित कराया गया। छत्तीसगढ़ के सीएसएमसीएल के एमडी अरूणपति त्रिपाठी को कंसलटेन्ट के रूप में अनुबंधित किया गया। योजना के मुताबिक अरूणप्रति त्रिपाठी ने में लागू देशी विदेशी शराब विक्रय नीति का प्रारूप तैयार कर झारखंड शासन को प्रस्तुत किया जिसके आधार पर झारखंड में नई आबकारी नियमावली, झारखंड उत्पाद (झारखंड राज्य बेवरेजेस कार्पोरेशन लिमीटेड के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन) नियमावली 2022 (31.03.2022) को अधिसूचित कर लागू किया गया।
Sharab Ghotala: त्रिपाठी ने झारखंड सरकार से लिया सवा करोड़
इसके लिए अरूणपति त्रिपाठी ने झारखंड सरकार से 1.25 करोड़ रुपये भी प्राप्त किया है। झारखंड आबकारी सचिव विनय कुमार चौबे और आबकारी संयुक्त आयुक्त गजेन्द्र सिंह के संरक्षण में झारखंड के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों द्वारा अनवर ढेबर एवं उसके सिंडीकेट के शराब सप्लाई एजेंसी और प्लेसमेंट एजेंसियों को उनके आपराधिक षड़यंत्र के क्रियान्वयन के लिए निविदा दिलाए जाने के लिए शराब के थोक विक्रेता की अनुज्ञप्ति के पात्रता की अनिवार्य शर्तों में विशेष तौर पर 02 वित्तीय वर्ष तक लगातर न्युनतम टर्नओवर 100 करोड़ के होने की शर्त डाली गई। जबकि झारखंडमें पूर्व में ठेकेदारी प्रथा होने के फलस्वरूप उपरोक्त शर्त को पूर्ण करने वाली कोई भी फर्म नही थी। इसी तरह मैनपवर सप्लाई के लिए प्लेसमेंट एजेंसी के लिए ई-निविदा क्रमांक जीएसबीसीएल/07 दिनांक 28.03.2023 में 310 दुकानों के लिए निविदा की ई. एम. डी. राशि 49,67,936.00 रु और कुल बैंक गारंटी की राशि 11,28,08,236 रू की मांग की गई थी। टेंडर की शर्त क्रमांक 2.3 के अनुसार भाग लेने वाली कंपनी के पास औसतन 1000 कर्मचारियों जिनका ईपीएफ डिपाजिट 6 माह में किया गया हो जो कि भारत सरकार के ईपीएफ संगठन के वेबसाईट से वेरीफाय होता हो।
Sharab Ghotala: पढ़िए.. क्या थी टेंडर की शर्तों
टेंडर की शर्त क्रमांक 2.5 के अनुसार निविदा में भाग लेने वाली कंपनी को 02 वर्षों का शासकीय संस्थाओं में 4 करोड़ और इससे अधिक मूल्य के कार्य का अनुभव होने की अनिवार्यता रखी गई थी। टेंडर की शर्त क्रमांक 2.6 के अनुसार 03 वर्षों तक 50 करोड़ के कार्य का टर्न ओवर की अनिवार्यता रखी गई थी। उपरोक्त सभी शर्तें छत्तीसगढ़ में कार्य कर रही एजेंसियों के कार्यक्षमता के अनुरूप था। सामान्य रूप से हर कंपनी के लिए टेंडर में भाग लिया जाना संभव नही था।
इस तरह छत्तीसग के मैन पवर सप्लाई कंपनियों सुमित फैसीलिटीस, इगल हंटर सालुसंस, ए-टू-जेड इंफ्रा सर्विसेस को निविदा की शर्तों को उनके अनुरूप बनाकर झारखंड में कार्य प्रदान किया गया। उक्त सभी कंपनियों के मालिकों द्वारा सिद्धार्थ सिंघानिया को अपनी ओर से मैन पवर सप्लाई का काम दिया गया, जो रांची में ऑफिस खोलकर सभी कंपनियों की ओर से अकेला मैन पवर सप्लाई का कार्य किया।
जानिए..झारखंड में किसे मिला शराब का ठेका
सिद्धार्थ सिंघानिया ने झारखंड राज्य के शराब दुकानों में निर्धारित मात्रा में कर्मचारियों की सप्लाई न कर लोकल के ठेकेदारों के अधीन काम करने वाले पुराने लोगों से ही अवैध राशि वसूल कर उन्हीं को शराब दुकानों में काम पर लगा दिया, जिससे दुकानों में मैन पवर की भारी कमी हुई। छत्तीसगढ़ में सिंडीकेट के द्वारा एफ.एल. 10 ए लाईसेन्स का नियम लागू कराया जाकर राज्य में विदेशी शराब सप्लाई का काम ओम साईं बेवरेजस, दिशिता वेंचर्स और नेक्सजेन कार्पोरेशन के माध्यम से कराया जा रहा था।
उपरोक्त सिंडीकेट के द्वारा झारखंडके अधिकारियों के साथ मिलकर एफ. एल. 10 ए लाईसेंस के तर्ज पर झारखंड में 1 ए लाईसेंस प्रदाय किया गया, जिसके तहत देशी और विदेशी शराब दोनो की ही सप्लाई का काम निविदा की शर्तों को फेरबदल करते हुए ओम साईं बेवरेजस और दिशिता वंचर्स को निविदा प्रदान की गई। इससे इन दोनों ही एजेंसियां को न केवल विदेशी शराब अपितु देशी शराब के सप्लाई का भी अधिकार प्राप्त हो गया था।
Sharab Ghotala: छत्तीसगढ़ के सप्लायर को ही झारखंड में भी होलोग्राम का ठेका
सिंडीकेट के द्वारा होलोग्राम सप्लाई का काम भी आपराधिक षड़यंत्र के तहत निविदा की शर्तों को हेरफेर करते हुए छत्तीसगढ़ में होलोग्राम सप्लाई करने वाली कंपनी मेसर्स प्रीज्म होलोग्राफी एंड सिक्योरिटी फिल्म प्राईवेट लिमीटेड नोएडा के विधु गुप्ता को निविदा प्रदान किया गया। विधु गुप्ता निविदा शर्तों के मुताबिक खुद होलोग्राम सप्लाई न कर ऑक्युलर होलोग्राफी फिल्मस प्राईवेट लिमीटेड को होलोग्राम सप्लाई का काम दे दिया।
01 मई 2022 से इनका अवैध शराब कारोबार पूरे झारखंड राज्य में प्रारंभ हो गया था। इस तरह छत्तीसगढ़ के अधिकारी अनिल टुटेजा, अरूणपति त्रिपाठी, निरंजनदास, अनवर ढेबर और उनके सिंडीकेट के साथियों के द्वारा झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ और झारखंड में अवैध देशी व विदेशी शराब के अवैध सप्लाई के कार्य को सरकारी नियम के अधीन लाकर उनसे करोड़ो रूपयों की राशि प्राप्त किए जाने के आपराधिक षड्यंत्र को क्रियान्वित किया गया।
छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड शासन के साथ भी धोखाधड़ी कर स्वयं को सदोष लाभ पहुंचाते हुए झारखंड शासन को सदोष हानि पहुंचायी गई है, जिसके फलस्वरूप 2022-23 में झारखंडके आबकारी राजस्व लक्ष्य में करोड़ों रूपयों की कमी आई। जिसकी जांच किया जाना आवश्यक है।
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