Rice Millers रायपुर। छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स धान का उठाव करने करने के लिए राजी हो गए हैं। इसके साथ ही कई दिनों से चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि मिलर्स ने सरकार के साथ बकाया भुगतान सहिंत अन्य विषयों का समाधान ना हो पाने पर कार्य करने असमर्थता का पत्र प्रदेश एसोसिएशन को लिखित में दिया था। इसके आधार पर प्रदेश एसोसिएशन ने कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) का काम करने का निर्णय मिलर्स पर छोड़ा दिया था।
Rice Millers अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि हमने मिलर्स के 2022-23 के प्रोत्साहन राशि भुगतान की प्रमुख मांग सरकार के समक्ष रखी जिसमें कुछ तकनीकी दिक्कत के कारण राज्य सरकार ने 2023-24 के प्रथम किस्त के भुगतान करने का निर्णय लिया।
हमें 2023-24 का भुगतान जल्द होने में शंका थी क्योंकि हमारा कस्टम मिलिंग कार्य अपूर्ण था जिसकी जानकारी हमने राज्य सरकार के समक्ष भी रखी।अब सरकार शीघ्र भुगतान का रास्ता बना चुकी है साथ ही 2022-23 के भुगतान पर भी भरोसा दे रही है। हमें भी सरकार पर भरोसा है।
प्रदेश एसोसिएशन सभी मिलर्स से निवेदन करता है कि जल्द ही कार्य आरंभ करें और सीएमआर कार्य में सहयोग करें। मिलर्स को सरकार पर भरोसा रख सीएमआर कार्य आरम्भ करना चाहिए। भुगतान संबंधी गतिरोध दूर करने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और पूरी सरकार का आभार।
Rice Millers बता दें कि पुराना भुगतान नहीं होने से आहत राइस मिलर्स ने सरकार का सहयोग नहीं करने का फैसला किया था। इस बीच सरकार की तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा था, क्योंकि उठाव नहीं होने से धान खरीदी केंद्रों में स्टाक बढ़ता जा रहा है। इससे खरीदी प्रभावित हो रही है।
इस बीच सरकार ने मिलर्स पर दबाव बनाने के लिए छापे की कार्रवाई भी की जा रही है। पिछले दो- तीन दिनों में करीब दर्जनभर से ज्यादा मिलों में छापे मारे गए हैं। इसमें कुछ मिल सील भी किए गए हैं।
इधर, राइस मिलर्स के एक खेमे ने सोमवार को सरकार के साथ वार्ता के बाद कस्टम मिलिंग करने की राजी हो गए थे। अब एसोसिएशन के बाकी सदस्य भी आज से कस्टम मिलिंग करेंगे।