CG Bonus: रायपुर। छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग को राज्य के निगम- मंडल समेत अन्य स्वायत्ताशासी संस्थाओं में कर्मचारियों को बोनस देने पर आपत्ति है। वित्त विभाग के अनुसार यह राज्य सरकार के दिशा- निर्देशों और नियमों के विपरीत है। वित्त विभाग ने राज्य सरकार के नियमों के विपरीत बोनस, वेतन भत्ता आदि दिए जाने पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया।
छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल ने राज्य के सभी विभागाध्यक्षों को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने वित्त विभाग की तरफ से 2002 में जारी परिपत्रों (266/ 227) का उल्लेख किया है। इन परपित्रों में छत्तीसगढ़ के निगम, मंडल, स्वायत्तशासी संस्थाओं और उपक्रमों सहित अन्य को दिशा निर्देश जारी किया गया है।
सचिव बंसल ने कहा है कि इस परिपत्र के अनुसार निगम, मंडल, उपक्रम सहित अन्य स्वायत्तशासी संस्थाएं अपने कर्मचारियों को वेतन- भत्ता सहित अन्य वही सुविधाएं दे सकती हैं जो राज्य सरकार की तरफ से दी जा रही सुविधाओं के अनुरुप है। इस पत्र में वित्त सचिव ने बताया कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना कोई भी निगम- मंडल अपने कर्मचारियों को अतिरिक्त सुविधा नहीं दे सकते हैं।
वित्त सचिव ने कहा कि यदि कोई निगम मंडल राज्य सरकार की सहमति के बिना अपने कर्मचारियों को ऐसी कोई सुविधा दे रहा है उस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दे।
वित्त सचिव बंसल ने अपने इसी पत्र में कहा है कि शासन के ध्यान में ऐसी बात लाई गई है कि कुछ संस्थाएं इन अनुदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद कुछ संस्थाएं अपने कर्मचारियों को बोनस जैसी सुविधाएं दे रही हैं। सचिव ने ऐसा कर रहीं संस्थाओं को तुरंत इस पर रोक लगाने के लिए कहा है।
वित्त सचिव ने इस मामले में निगम- मंडल व अन्य संस्थाओं के प्रशासकीय विभाग प्रमुखों से इस पर ध्यान देने के लिए कहा है। प्रशासकीय विभागों से कहा गया है कि विभाग के अंतर्गत स्थापित निगम, मंडल, उपक्रम और स्वायत्तशासी संस्थाओं में बोनस भुगतान की तुरंत समीक्षा करें।
सरकार की अनुमति के बिना दी जा रही इस तरह की अतिरिक्त सुविधा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। सचिव ने इस संबंध में की गई समीक्षा की रिपोर्ट से वित्त विभाग को अगवत कराने के लिए भी कहा है।
यहां गौर करने वाली बात यहा है कि अभी दो दिन पहले ही राज्य की सरकारी बिजली कंपनियों के कर्मचारियों को दीपावली बोनस देने की घोषणा की गई है। यह घोषणा स्वयं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की है जो ऊर्जा विभाग के मंत्री भी हैं।
सीएम ने बिजली कंपनी मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा की थी। बिजली कंपनी में यह परंपरा बोर्ड के समय से है और दीपावली पूर्व दी जाने वाली इस राशि को अनुग्रह राशि (Ex-gratia) कहा जाता है।