CG Building Permission: भवन अनुज्ञा के नियमों में बदलाव, प्‍लाटिंग पर पड़ेगा असर, देखें सरकार का नोटिफिकेशन

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CG Building Permission: भवन अनुज्ञा के नियमों में बदलाव, प्‍लाटिंग पर पड़ेगा असर, देखें सरकार का नोटिफिकेशन 1 min read

CG Building Permission: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ सरकार भवन अनुज्ञा शुल्‍क में बदलाव करने की तैयारी में है। बदलावों को संबंध में सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार ने इन प्रस्‍तावों पर दावा- आपत्‍ति‍ के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। गजट के अनुसार प्राप्‍त दावा- आपत्‍ति‍यों पर 30 दिन के बाद विचार किया जाएगा।

CG Building Permission: जानिए.. कहां क्‍या बदलाव किया जा रहा है..

क्रमांक एफ 07-22/2023/32. छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में और संशोधन का निम्नलिखित प्रारूप, जिसे राज्य सरकार, छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 (क्र. 23 सन् 1973) की धारा 85 की उप-धारा (1) सहपठित धारा 24 की उप-धारा (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए बनाना प्रस्तावित करती है,

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उक्त अधिनियम की धारा 85 की उप-धारा (1) के अधीन अपेक्षित किये गये अनुसार, उन समस्त व्यक्तियों, जिनके कि इससे प्रभावित होने की संभावना है, की जानकारी के लिये एतद्वारा, प्रकाशित किया जाता है तथा एतद्वारा सूचित किया जाता है कि उक्त प्रारूप पर इस अधिसूचना के राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से तीस दिवस के अवसान के पश्चात् विचार किया जायेगा।

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कोई आपत्ति या सुझाव, जो उक्त प्रारूप के संबंध में किसी व्यक्ति से विनिर्दिष्ट कालावधि के पूर्व, सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, कक्ष क्रमांक एस-2-23, महानदी भवन, मंत्रालय, नवा रायपुर अटल नगर के कार्यालय में, कार्यालयीन समय में प्राप्त हो. पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विचार किया जायेगा।

नियम 21 के उप-नियम (1) एवं (2) के स्थान पर, निम्नलिखित उप-नियम प्रतिस्थापित किया जाए, अर्थात्ः-

“(1) नियम 16 में विनिर्दिष्ट प्रत्येक आवेदन उप-नियम (2) के अधीन विहित आवेदन शुल्क के साथ होगा तथा ऐसे भुगतान की पावती की एक अभिप्रमाणित प्रति आवेदन के साथ संलग्न की जाएगी। ऐसी किसी पावती के बिना प्राप्त कोई आवेदन विधिमान्य नहीं समझा जाएगा और इसलिए खारिज किया जाएगा।

CG Building Permission: आवेदन शुल्क आवेदन, शुल्क के साथ होगा, जो कि निम्नानुसार होगाः-

( (एक) विकास अनुज्ञा के लिएः रु. 5000 प्रति हैक्टेयर शुल्क अथवा क्षेत्र को निकटतम पूर्णांक में पूर्णांकित करते हुए संगणित किया जाएगा। उदाहरण के लिए 1.499 हैक्टेयर को 1 हैक्टेयर माना जायेगा तथा 1.5 हैक्टेयर को 2 हैक्टेयर माना जाएगा,

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(दो) भवन अनुज्ञा के लिएः प्रस्तावित निर्मित क्षेत्र का 1 रु. प्रति वर्ग मीटर; (तीन) आवेदन शुल्क किसी भी दशा में वापस नहीं किया जाएगा।”

नियम 21 के उप-नियम (3) के खण्ड (क) स्थान पर, निम्नलिखित खण्ड प्रतिस्थापित किया जाये, अर्थात् –

अधिनियम की धारा 29 की उप-धारा (1) के अधीन आवेदन की स्थिति में (धारा 29 की उप-धारा (3) की अधीन आवेदन को छोडकर), किसी भूमि के विकास के लिए अनुज्ञा शुल्क निम्नानुसार होगाः-

नियम 25 के स्थान पर, निम्नलिखित नियम प्रतिस्थापित किया जाये, अर्थातः-

अनुज्ञा का प्रतिसंहरण. (1) प्राधिकारी, इन नियमों के उपबंधों के अधीन उसके द्वारा प्रदान की गई किसी अनुज्ञा को निलंबित या प्रतिसंहृत कर सकेगा यदि उसके पास यह विश्वास करने का कारण हो कि ऐसी अनुज्ञा मिथ्या कथन अथवा किसी सारवान् तथ्य के दुर्व्यपदेशन के आधार पर प्राप्त की गई हो अथवा अनुज्ञा में अधिरोपित शर्तों का उल्लंघन किया गया हो अथवा अधिनियम अथवा उसके अधीन निर्मित नियमों   के उपबंधों का प्रेक्षण नहीं किया गया हो:

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परंतु यह कि ऐसा कोई आदेश तब तक पारित नहीं किया जाएगा जब तक कि ऐसे व्यक्ति को जिसने कि अनुज्ञा प्राप्त की हो, सुनवाई का एक अवसर प्रदान न कर दिया गया हो:

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परंतु यह और कि प्रतिसंहरण अथवा निलंबन का ऐसा आदेश बातिल हो जाएगा यदि आवेदक अधिनियम अथवा नियम अथवा अनुज्ञा में अधिरोपित शर्तों का पालन कर देता है। तथापि, जहां अनुज्ञा मिथ्या कथन अथवा किसी सारवान तथ्य के किसी दुर्व्यपदेशन के आधार पर प्राप्त की गई हो तो प्रतिसंहरण का ऐसा आदेश बातिल नहीं किया जाएगा।”

CG Building Permission: नियम 34 उप-नियम (3) के पश्चात्, निम्नलिखित उप-नियम जोड़ा जाए, अर्थात्ः

– “(4) इन नियमों के उपबन्धों का उल्लंघन अथवा विचलन करने की स्थिति में भवनों को सिलिंग करने की कार्यवाही की जा सकेगी।”

नियम 42-क के खण्ड (क) में, शब्द एवं अंक “12.5 मीटर” तथा “21 मीटर” के स्थान पर, शब्द एवं अंक

“15 मीटर” तथा “24 मीटर” कमशः, प्रतिस्थापित किया जाये।

6. नियम 42-क के खण्ड (क) के उप-खण्ड (1) में, अंक एवं चिन्ह “30” के स्थान पर, अंक एवं चिन्ह “40:” प्रतिस्थापित किया जाये।

7. नियम 42-क के खण्ड (ख) में,-

(एक) उप-खण्ड (1) में, अंक एवं शब्द “21 मीटर” के स्थान पर, अंक एवं शब्द “24 मीटर” प्रतिस्थापित किया जाये,

(दो) उप-खण्ड (1) के प्रविष्टि (एक) में, अंक एवं चिन्ह “30:” के स्थान पर, अंक एवं चिन्ह “40:” प्रतिस्थापित किया जाये; और

(तीन) उप-खण्ड (2) के प्रविष्टि (एक) में, अंक एवं चिन्ह “30ः” के स्थान पर, अंक एवं चिन्ह “40:” प्रतिस्थापित किया जाये।

8. नियम 47 के उप-नियम (6) के पश्चात्, निम्नलिखित उप-नियम जोड़ा जाए, अर्थात्ः-

“(7) नगर विकास योजना हेतु अधिनियम की धारा 49 की उप-धारा (3) के खण्ड (ण) के अधीन नगर विकास योजना या योजनाओं हेतु विकास विनियमन में निर्धारित मापदण्ड अनुसार अभिन्यास या उप-विभाग में सामुदायिक खेल स्थल मनोरंजन प्रयोजन के लिए आरक्षित रखे जायेंगे।’

CG Building Permission: नियम 48 के उप-नियम (2) के पश्चात्, निम्नलिखित उप-नियम (3) जोड़ा जाये, अर्थात्ः-

“(3) औद्यागिक क्षेत्र में भूमि के किसी प्लाट, ले-आउट अथवा उप खण्ड में छात्रावास एवं डॉरमेट्री अनुज्ञेय होंगे।”

नियम 50 के खण्ड (ख) के पश्चात्, निम्नलिखित उप-खण्ड अन्तःस्थापित किया जाए, अर्थात् :-

“(एक) F.A.R. एवं भूतल आच्छादित क्षेत्र (ग्राऊण्ड कव्हरेज) सम्पूर्ण भूमि पर विकलनीय होगा।

(दो) उक्त 09/15 मीटर खुले क्षेत्र में, नाले की सीमा / उच्चत्तम बाढ़ चिन्ह से ऊपर मार्ग एवं खुली पार्किंग की गतिविधियाँ स्वीकार्य होगी। जिसमें खुली पार्किंग में कव्हर्ड पार्किंग किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।”

नियम 61 की सारणी 7 के सरल क्रमांक 6 के टिप्पणियां संबंधी कॉलम से संबंधित प्रविष्टियों के स्थान पर, निम्नलिखित प्रविष्टियां प्रतिस्थापित की जाये, अर्थात-

नियम 61 के टीप (7) के पश्चात्, निम्नलिखित टीप जोडा जाये, अर्थात्ः-

“(8), 100 मीटर या उससे अधिक चौड़ाई वाले पहुंच मार्ग पर. 5 एकड़ या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले वाणिज्यिक भूखण्डों के प्रकरणों में 5.0 तलक्षेत्र अनुपात अनुज्ञेय होगा। ऐसी स्थिति में जहां ऐसे वाणिज्यिक भूखण्ड केन्द्रीय व्यापारिक जिला केन्द्र (सी.बी.डी.) अथवा ट्रांजिट ओरिएटेड डेव्हलपमेंट (टी.ओ.डी.), जैसा कि संबंधित विकास योजनाओं में परिभाषित किया गया हो, में स्थित हो, 2.0 अतिरिक्त तलक्षेत्र अनुपात अनुज्ञेय होगा।”

नियम 98, के पश्चात् निम्नलिखित पैराग्राफ जोडा जाये, अर्थात्ः-

“प्राधिकरण, भवन में नियम 24 एवं नियम 24 (अ) के अधीन रहते हुए अधिकतम 10 तक विचलन मान्य कर सकेगा तथा उस पर परिशिष्ट-फ अनुसार शास्ति अधिरोपित करते हुए परिशिष्ट-प में दिये गये प्रारूप में पूर्णता एवं अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करेगा, ऐसा करने में विफल होने पर यह जारी किया गया माना जायेगा।”

नियम 98 के पश्चात्, निम्नलिखित नियम जोड़ा जाये, अर्थातः-

“99. विकास योजनाओं अथवा नगर विकास योजनाओं के विकास नियंत्रण नियमन का अधिमान्यकरण. छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 (क. 23 सन् 1973) की धाराओं के अंतर्गत विकास योजनाओं अथवा नगर विकास योजनाओं के साथ अधिसूचित (लेआउट और भवनों हेतु) विकास नियंत्रण नियमन के विशिष्ट प्रावधान उपरोक्त छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम के सामान्य प्रावधानों पर अधिमान्य होंगे।”

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