CG Dhan: रायपुर। छत्तीसगढ़ में रबी सीजन में धान की खेती को सरकार ने हतोत्साहित करने का फैसला किया है। इसको लेकर राज्य के अलग-अलग जिलों में प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किया जा रहा है। इमसें किसानों को धान की बजाय दूसरी फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही गई है।
राजनांदगांव में भी जिला प्रशासन ने रबी सीजन में धान की खेती को लेकर एक आदेश जारी किया है। कथिततौर पर इसमें रबी सीजन में धान की खेती करने वाले किसानों पर 50 हजार जुर्माना लगाने की बात कही गई है। राजनांदगांव जिला प्रशासन के इस कथित आदेश को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने इस मामले में राज्य सरकार की आलोचना की है। हालांकि राजनांदगांव जिला प्रशासन की तरफ से जारी आदेश में जुर्माना का उल्लेख नहीं है, केवल रबी सीजन में धान के स्थान पर दूसरी फसलों की खेती को हतोत्साहित करने की बात कही गई है।
रबी सीजन में धान के स्थान पर गेहूं, रागी, मक्का के साथ तिलहन आदि फसलों की खेती के लिए किसानों को प्रेरित करने के संबंध में जिला प्रशासन की तरफ से निर्देश जारी किया गया है। इसमें जुर्माना की बात नहीं कही गई है। केवल किसानों को धान के स्थान पर दूसरी फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने और इस संबंध में मुनादी कराने के निर्देश दिए गए हैं। रायपुरऔर धमतरी समेत कई जिलों में रबी सीजन में धान के स्थान पर दूसरी फसलों की खेती को लेकर दिशा- निर्देश जारी किया गया है।
रबी सीजन में धान की खेती पर रोक के प्रयास पिछले कई सालों किया जा रहा है। पूर्ववर्ती भाजपा और कांग्रेस सरकार के दौरान भी रबी सीजन में किसानों से धान की खेती न करने की अपील की जाती थी। रबी में धान की खेती को हतोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से निर्देश जारी होता था। इसी सबसे बड़ी वजह है कि धान की खेती में होने वाली पानी खपत है। बताते हैं कि धान की खेती में पानी की बहुत ज्यादा जरुरत पड़ती है। इसके लिए भूजल का दोहन किया जाता है, जबकि राज्य में भूजल का स्तर तेजी से गिर रहा है।
एक तरफ राज्य के अलग-अलग जिलों में धान की खेती को हतोत्साहित करने के प्रयास हो रहे हैं, उधर बालोद जिला में किसानों ने खुद ही रबी सीजन में धान की खेती नहीं करने का संकल्प ले लिया है। जिला के गुरुर और बालोद ब्लाक के कई गांवों के किसानों ने इस साल रबी सीजन में धान की खेती नहीं करने का फैसला किया है। किसानों के अनुसार क्षेत्र में भूजल का स्तर गिर रहा है। इसी वजह से रबी सीजन में धान की खेती नहीं करने का फैसला किया गया है।