CG High Court: बिलासपुर। सरकारी कर्मचारी- अधिकारी को उसकी गलती पर विभाग या विभाग प्रमुख की तरफ से दी गई सजा का असर कितने समय तक रहेगा। कर्मचारी- अधिकारी को मिली छोटी सजा के कारण लंबे समय तक प्रमोशन और अन्य सुविधाएं रोकी जा सकती है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले पर सुनवाई के बाद अपना निर्णय लिया है।
मामला पुलिस विभाग से जुड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ पुलिस में उप निरीक्षक कमल किशोर पटेल ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। अधिवक्ता अभिषेक पांडेय के माध्यम से दाखिल इस याचिका में एसआई पटेल ने बताया था कि उन्हें छोटी साज मिली थी, लेकिन उसके कारण उनकी पदोन्नति व अन्य सुविधाएं रोक दी गई।
CG High Court: एसआई पटेल 2021-22 में रायगढ़ जिला में पदस्थ थे। एक मामले में उनकी एसपी से शिकायत हुई। विभागीय जांच में पटेल दोषी पाए गए। इसके आधार पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने एक वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिए रोकने की सजा दी। यह साज छोटे दंड की श्रेणी में आता है। इसके बावजूद एक वर्ष बाद हुई पदोन्नति में पटेल को शामिल नहीं किया गया।
एसआई पटेल की याचिका की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू की बेंच में हुआ। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने पुराने प्रकरणों का उदाहरण दिया। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने छोटी सजा मिलने के एक वर्ष बाद पदोन्नति नहीं दिए जाने को गलत माना है। जस्टिस साहू ने कहा कि छोटी सजा की वजह से याचिकाकर्ता की वेतन वृद्धि और पदोन्नति से वंचित किया जा सकता है। इसके बाद नहीं।
CG High Court: एसआई पटेल को 15 जुलाई 2022 को सजा दी गई थी। सजा का प्रभाव 1 जुलाई 2023 से 30 जून 2024 तक ही रहेगा। इसके बाद याचिकाकर्ता वेतन वृद्धि और प्रमोशन का पात्र होगा। इधर, पुलिस मुख्यालय ने 11 अक्टूबर 2024 को एसआई से निरीक्षक की पदोन्नति सूची जारी की है, जिसमें एसआई पटेल का नाम नहीं है। यह जानकारी याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को दी तो कोर्ट ने याचिकाकर्ता से विभाग के समक्ष नए सिरे से अभ्यावेदन पेश करने कहा है।