CG Liquor Scam रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा सीट से कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापों के बाद लखमा के खिलाफ भ्रष्टाचार में हिस्सा लेने के सबूत मिलने का दावा किया है। ईडी का दावा है कि लखमा को हर महीने हिस्से के रुप में मोटी राशि मिलती थी। बता दें कि ईडी ने 28 दिसंबर को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके पुत्र हरीश लखमा और करीबी लोगों के यहां छापा मारा था।
छापे की यह कार्यवाही रायपुर के साथ ही धमतरी और सुकमा में मारे गए थे। ईडी ने इस दौरान सात ठिकानों पर जांच की। दो दिन तक चली इस छापे में ईडी ने शराब घोटाला से जुड़े साक्ष्य मिलने का दावा किया है। ईडी की तरफ से जारी प्रेसनोट में बताया गया है कि छापे में डिजिटल उपकरणों के साथ ही कई दस्तावेज जब्त किए गए है, जिसमें शराब घोटाला का हिस्सा लखमा को मिलने का प्रमाण है।
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में करीब 2161 करोड़ का घोटाला हुआ। इस घोटाला में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी हर महीने हिस्सा मिलता था। शराब घोटाला का यह सिंडिकेट अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा समेत अन्य लोग चला रहे थे। ईडी के अनुसार इस मालमे में अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
ईडी ने अपने बयान में यह भी बताया है कि आरोपियों ने मिलकर छत्तीगसढ़ में किस तरह शराब घोटाला किया। ईडी के अनुसार आबकारी में तीन तरह से आरोपियों ने कमाई की। इसमें शराब का पूरा कारोबार करने वाली सरकारी एजेंसी छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के माध्यम से होने वाली शराब की खरीदी पर प्रति केस रिश्वत लिया जाता था।
इसी तरह आरोपी शराब दुकानों से नकली होलोग्राम के जरिये देशी शराब की बिक्री कराते थे। शराब की बिक्री सरकारी दुकानों से होती थी, लेकिन इसमें एक भी रुपये सरकारी खजाने में नहीं जाता था। पूरी रकम सिंडिकेट तक पहुंच जाता था।
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला करने वाले आरोपियों का सिंडिकेट शराब बनाने वाली कंपनियों से भी कमीशन लेते थे। इस रिश्वत के बादले शराब कंपनियों को कार्टेल बनाने और बाजार में निश्वित हिस्सेदारी मिलती थी। एफएल-10 लाइसेंस धारकों से भी सिंडिकेट कमीशन वसूल करता था।
करीब 2161 करोड़ रुपये के इस घोटाला में ईडी करीब 205 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर चुकी है। वहीं अब तक पांच लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। अब कवासी लखमा पर भी गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है। ईडी ने लखमा और उनके पुत्र को पूछताछ के लिए समन जारी किया है।