CG Vidhansabha: रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली वितरण कंपनी में काम कर रहे मीटर रीडर, बिल वसूली समेत अन्य ठेका मजूदरों की नौकरी का मामला विधानसभा में पहुंच गया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन इस पर सवाल पूछा गया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ही ऊर्जा विभाग के मंत्री भी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री की तरफ से इस प्रश्न का उत्तर दिया गया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ बिजली वितरण कंपनी में करीब 5300 मीटर रीडर हैं। स्मार्ट मीटर की वजह से नौकरी जाने के भय से इन मीटर रीडरों ने आंदोलन किया था। मीटर रीडर कंपनी में ही दूसरा काम देने की मांग कर रहे थे। हालांकि उनकी समस्या का कोई समाधा नहीं निकल पाया। इधर, उनकी सेवा का मामला आज विधानसभा में आया।
मीटर रीडर सहित पावर कंपनी में काम कर रहे अन्य ठेका श्रमिकों की नौकरी को लेकर द्वारिकाधीश यादव ने प्रश्न किया था। यादव ने पूछा था कि क्या सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी बिजली मीटर रीडर, बिजली बिल वसूलीवसूली तथा अन्य कार्य करने वाले ठेका कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इस प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि इनकी सेवाएं समाप्त नहीं की गई है।
प्रदेश की सरकारी बिजली कंपनी में सीधी भर्ती को लेकर आज विधानसभा में प्रश्न पूछा गया। ब्यास कश्यप ने पूछा कि वर्ष 2023- 24 से अब तक छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनीज में कितने अधिकारी/कर्मचारियों की सीधी भर्ती और पदोन्नति की गई है? कितने अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा पदोन्नति से इंकार किया गया है। इंकार करने के क्या कारण रहे? कितनों की पदोन्नति निरस्त की गई?
इस प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनीज में कुल 677 कनिष्ठ अभियंताओं की सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्ति की गई है। कुल 1308 अधिकारी/कर्मचारियों की पदोन्नति की गई है।
इस दौरान पॉवर कंपनीज के एक कर्मचारीAMP द्वारा पदोन्नति से इंकार किया गया है। 15 कार्मिकों के पदोन्नति आदेश निरस्त किए गए हैं। कंपनीज के कुल 93 अधिकारियों और 791 कर्मचारियों को कार्मिकों के अनुपलब्धता के कारण और कार्य के सुचारू शीघ्र निष्पादन के दृष्टिगत रिक्त पदों के विरूद्ध उसी कार्यालय में पदोन्नति बाद पदस्थ किया गया है।