CHIRAG छत्‍तीसगढ़ को वर्ल्‍ड बैंक ने दिया बड़ा झटका, अफसरों की लापरवाही से बुझ गया ‘चिराग’, गए 17 हजार करोड़

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CHIRAG छत्‍तीसगढ़ को वर्ल्‍ड बैंक ने दिया बड़ा झटका, अफसरों की लापरवाही से बुझ गया ‘चिराग’, गए 17 हजार करोड़

CHIRAG रायपुर। वर्ल्‍ड बैंक की सहायता वाली छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण एवं त्वरित कृषि विकास (CHIRAG) परियोजना बंद हो गई है। किसान और आदिवासियों के कल्‍याण की करीब 17 हजार करोड़ रुपये की यह योजना राज्‍य सरकार की उदासी के कारण बंद की गई है।

वर्ल्‍ड बैंक की तरफ से योजना को बंद करने के लिए जारी पत्र में इस बात का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया गया है कि योजना में अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही है। इस वजह से बंद किया जा रहा है। चिराग योजना बंद करने को लेकर वर्ल्‍ड बैंक के भारत में कार्यवाह निदेशक पॉल प्रोसी यह पत्र भेजा है। इसमें स्‍पष्‍ट लिखा है कि योजना को बचाए रखने के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन योजना में अपेक्षित प्रगति नजर नहीं आ रही है।

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इस योजना को अंतरराष्‍ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) और विश्व बैंक से आर्थिक सहायता दी जा रही थी। इस परियोजना को 15 दिसंबर, 2020 को मंजूरी दी गई थी। चार साल पहले इसकी मंजूरी के बाद इसमें कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है। इस दौरान लगभग 1.44 मिलियन अमेरिकी डॉलर का वितरण किया गया है। इस योजना का लाभ उठाने वालों को अक्टूबर 2022 तक 1.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया गया है।

CHIRAG इस पत्र में यह भी बताया गया है कि इस योजना को लेकर सितंबर 2024 में त्रिपक्षीय पोर्टफोलियो समीक्षा बैठक हुई। इसके बाद 23 दिसंबर, 2024 को बैठक में हुई चर्चाओं के आधार पर, IFAD और विश्व बैंक दोनों इस योजना को बंद करने का फैसला किया है।अफसरों की पत्नियों को पद दिए जाने की वजह से आया चर्चा में चिराग परियोजना शुरू से ही विवादों में रहा है।

पहले इस परियोजना में तीन आईएएस अफसरों की पत्नियों को मोटी सैलरी पर नौकरी पर रखने की तैयारी थी, लेकिन नियुक्ति पत्र जारी होने से पहले ही मामला सार्वजनिक हो गया। इसके बाद उनकी नियुक्ति निरस्‍त कर दी गई। बावजूद इसके अब भी एक आईएएस के करीबी इस परियोजना में बड़े पद पर हैं।

परियोजना में आउट सोर्सिंग के जरिये काम कर रहे दो अफसरों को लेकर कई स्‍तर पर शिकायत हुई, लेकिन तत्‍कालीन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। सत्‍ता परिवर्तन के बाद कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने दोनों अफसरों को हटाने के लिए नो‍ट‍शीट जारी किया, लेकिन बाद में नेताम ने कहा कि उनकी जरुरत है, इसलिए नहीं हटा रहे हैं।

CHIRAG जानिए- क्‍या है चिराग परियोजना यह योजना

छत्‍तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल क्षेत्रों में लागू किया गया था। इसके जरिये परिवारों की आय बढ़ाने के अवसर के साथ पौष्टिक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता में सुधार करना था। इसे छत्‍तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल गांवों में लागू किया गया था।

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