Liquor scam रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए शराब घोटाला में राज्य की मौजूदा विष्णुदेव साय सरकार ने 30 आबकारी अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। इनमें से 21 अधिकारियों का नाम एफआईआर में दर्ज है, जबकि नौ नाम जांच के दौरान सामने आए हैं।
ईओडब्ल्यू ने करीब महीनेभर पहले राज्य सरकार को पत्र लिखकर इन अफसरों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी। अफसरों के अनुसार अभियोजन की स्वीकृति मिलने के बाद अब ईओडब्ल्यू इन अफसरों के खिलाफ जांच और छापे की कार्यवाही के साथ ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
पूरा मामला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुए करीब 21 सौ करोड़ रुपए के शराब घोटाला से जुड़ा है। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले की जांच शुरू की थी।
ईडी से मिले पत्र के आधार पर ईओडब्ल्यू- एसीबी मामला दर्ज कर जांच कर रही है। अफसरों के अनुसार ईडी से मिले पत्र में आबकारी विभाग के 21 अफसरों का नाम था।
इनमें एडिशनल डायरेक्टर, ज्वाइंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, जिला आबकारी अधिकारी से लेकर आबकारी निरीक्षक समेत अन्य अफसर शामिल हैं।
ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर में जिन आबकारी अफसरों का नाम है उनमें गरीब पाल दर्दी, नोहर सिंह ठाकुर,जनार्दन कौरव, सहायक जिला आबकारी अधिकारी, अनिमेष नेताम, उपायुक्त, विजय सेन शर्मा, उपायुक्त के साथ सहायक आयुक्त अरविंद कुमार पटले, प्रमोद कुमार नेताम, रामकृष्ण मिश्रा और विकास गोस्वामी शामिल हैं।
इसी तरह जिला आबकारी अधिकारियों में इकबाल खान, अशोक सिंह, मोहित जायसवाल, नितिन खंडूजा व मंजूश्री कसेर, सहायक आयुक्त नवीन तोमर, सौरभ बक्सी, दिनकर वासनिक, रवीश तिवारी, सोनल नेताम, उपायुक्त नीतू नोतनी व अतिरिक्त आयुक्त आशीष श्रीवास्तव शामिल हैं।
इसी मामले की जांच के सिलसिले में ईओडब्ल्यू ने शनिवार को राज्य के 5 जिलों में 13 स्थानों पर छापा मारा था। ये छापे रायपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा और सुकमा मारे गए थे।
ईओडब्ल्यू ने जिन लोगों के 13 ठिकानों पर दबिश दी उनमें ज्यादातर इसी ममाले में जेल में बंद तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी थे।
जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने अंबिकापुर में एक कारोबारी के यहां से 19 लाख रुपए नगद जब्त किया था। इसके साथ ही इलेक्ट्रानिक डिवाइस और दस्तावेज भी जांच के लिए जब्त किए गए हैं।