Cyber Attack: बिजली सिस्‍टम पर साइबर अटैक‍ का खतरा: पॉवर कंपनी मुख्‍यालय में हमले से ग्रिड प्रणाली को बचाने के उपायों पर हुई चर्चा

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Cyber Attack: बिजली सिस्‍टम पर साइबर अटैक‍ का खतरा: पॉवर कंपनी मुख्‍यालय में हमले से ग्रिड प्रणाली को बचाने के उपायों पर हुई चर्चा 1 min read

Cyber Attack: रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के मुख्यालय में स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में ग्रिड आपरेशन पश्चिम क्षेत्रीय साइबर सिक्यूरिटी को-आर्डिनेशन फोरम कार्यशाला हुई। इसमें साइबर हमले से ग्रिड प्रणाली को बचाने के उपायों पर चर्चा की गई।

इसमें विभिन्न राज्यों के लोड डिस्पैच सेंटर के अधिकारियों ने साइबर अटैक को रोकने के लिए अपने यहां किए जा रहे उपायों पर चर्चा की। छत्तीसगढ़ में इस तरह के खतरे से निपटने के लिए क्रिटिकल इंफ्रमेशन इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम डेवल किया जा रहा है, जिसके तहत साइबर कानूनों का गजट नोटिफिकेशन किया गया है। स्काडा सिस्टम, सर्वर और बैकअप लोड डिस्पैच सेंटर तैयार किया गया है।

साइबर सिक्यूरिटी को-आर्डिनेशन फोरम की तीसरी बैठकस्टेट लोड डिस्पैच सेंटर रायपुर में 12 और 13 सितंबर को साइबर सिक्यूरिटी को-आर्डिनेशन फोरम की तीसरी बैठक हुई, जिसका शुभारंभ ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध निदेशक आरके शुक्ला ने किया। उन्होंने साइबर सिक्युरिटी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। साइबर सिक्युरिटी से उत्पन्न होने वाले विभिन्न प्रकार की चुनौतियों के प्रति अपनी चिंता जाहिर किया।

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इन चुनौतियों से निपटने के लिए तीन प्रमुख बिंदुओं पर परस्पर सहयोग, नवाचार और पुर्नप्राप्ति क्षमता पर विशेष जोर देते हुए अपने महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया।

साइबर हमले से ग्रिड कितना सुरक्षित, जानिए..इस पर क्‍या बताया अधिकारी ने

भार प्रेषण केंद्र के कार्यपालक निदेशक और मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी कोमल सिंह मनोठिया ने अतिथियों का स्‍वागत करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में नई तकनीक से वन नेशन, वन ग्रिड से बिजली सप्लाई की जा रही है। ऐसे में पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज्ड और आनलाइन रहता है।

इसमें विदेशी हैकर साइबर हमला कर देते हैं, जिससे बचने के लिए सुरक्षा और सर्तकता आवश्यक है। यूक्रेन में इस तरह से बिजली सप्लाई बाधित कर दी गई थी। हमारे यहां साइबर हमले से ग्रिड सुरक्षित रहे, इसके लिए विशेष सावधानी बरती जा रही है। इसके तहत क्रिटिकल इंफरमेशन इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम तैयार किया गया है। इसके तहत हर साल आईटी और आपरेशन टेक्नालाजी की साइबर आडिट कराने का प्रावधान किया गया है, ताकि हमें समय से पूर्व पता लग सके कि कहां से साइबर अटैक हो सकता है और उसे रोका कैसे जा सकता है।

Cyber Attack: पश्चिम क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र मुम्बई के कार्यपालक निदेशक और फोरम के अध्यक्ष वी बालाजी और ग्रिड इंडिया नई दिल्ली के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी एस बनर्जी ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यशाला में एनसीआईआईपीसी मुम्बई के निदेशक ललित कुमार मीणा भी वर्चुवली जुडे़ रहे। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ के अतिरिक्त पश्चिम क्षेत्र के विभिन्न घटक राज्यों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गोवा, दमन एवं दीव इत्यादि के प्रतिनिधियों सहित छत्तीसगढ़ के तीनों पावर कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने प्रमुखता से भाग लिया।

Cyber Attack कार्यशाला में ग्रिड इंडिया दिल्ली से आए एबी सेनगुप्ता ने आईएसओ 27001/270019 के ऊपर सरल भाषा में विस्तृत व्याख्यान दिया, जिसे काफी सराहा गया। महाराष्ट्र से आए प्रतिनिधि नितीन पाऊनिकर ने साइबर आडिट के कार्यक्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर सारगर्भित प्रकाश डाला। कार्यशाला के दूसरे दिन मध्यप्रदेश से आए प्रतिनिधि राजीव सिन्हा ने रेन्सम रिकव्हरी और इससे बचने के उपायों सहित साइबर सिक्युरिटी से संबंधित चुनौतियों से क्रमबद्ध तरीके से निपटने के उपायों पर जानकारी दी।

पश्चिम क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र मुम्बई के मुख्य महाप्रबंधक महेश मेंहन्दाले ने साइबर घटना प्रतिक्रिया पर संगठित रणनीतिक दृष्टिकोण पुर्नप्राप्ति समय के प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन कार्यपालन अभियंता जीपी सिंह ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में मनोज रावटे एवं केतन मिश्रा का विशेय योगदान रहा।

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