कर्मचारी हलचल

Power Company मुख्‍यालय की डिस्पेंसरी में डेढ़ साल से टेस्‍ट बंद, तीन महीने पहले आई मशीन अब तक नहीं हो पाई चालू…

Power Company रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की सरकारी बिजली मुख्‍यालय स्थित डिस्‍पेंसरी उपेक्षा की शिकार हो गई है। इसका खामियाजा सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों और अधिकारियों को भुगताना पड़ रहा है। उन्‍हें खून और पेशाब की जांच के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। राजधानी रायपुर में पावर कंपनी की दो डिस्‍पेंसरी है।

इनमें एक कंपनी मुख्‍यालय डंगनिया में है और दूसरा गुढ़‍ियारी में। इन डिस्‍पेंसारी में पावर कंपनी के वर्तमान और सेवानिवृत्‍त दोनों ही कर्मचारी अधिकारी इलाज कराते हैं। मुख्‍यालय स्थित डिस्‍पेंसरी में कुल चार डाक्‍टर हैं।

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Power Company कर्मचारियों के अनुसार गुढियारी स्थित डिस्पेंसरी में डॉक्टर गोले की पदस्थ के बाद से वहां की सुविधाओं में काफी इजाफा हुआ। गुढ़‍ियारी की डिस्‍पेंसरी को व्यवस्थित किया गया। सभी तरह के लेब टेस्ट हो रहे है।

गुढ़‍ियारी डिस्‍पेंसारी में दो नियमित डॉक्टर पदस्थ हैं साथ ही डॉक्टर गोले को संविदा नियुक्ति देकर सलाहकार का कार्य सौंपा गया है। डा. गोले गुढियारी में ही बैठ कर कंपनी के काम के साथ मरीजों को भी देखते हैं।

Power Company दूसरी ओर पावर कंपनी मुख्यालय स्थित डिस्पेंसरी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित कुल 4 डॉक्टर तैनात है। यहां स्थित लेब की खून पेशाब जांच मशीन पिछले डेढ़ वर्षों से खराब है। इसकी वजह से वहां जांच का कार्य पूर्ण रूप से बंद पड़ा है। मशीन को राइट ऑफ पहले ही किया जा चुका है लेकिन नई मशीन खरीदी में अत्यधिक विलंब किया गया।

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करीब छह लाख की मशीन खरीदने में डेढ़ साल लग गया। बताया जाता है कि लगभग तीन महीने पहले टेस्ट मशीन डिस्पेंसरी आ गई है लेकिन सिर्फ प्रशासनिक शिथिलता की वजह से इसे इंस्टॉल नहीं किया जा सका है।

Power Company इन सबका खामियाजा इस डिस्पेंसरी पर निर्भर सैकड़ों सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है तथा सभी तरह के जांच बाहर करवाने में बड़ी आर्थिक नुकसान वहन करना पड़ रहा है।

कर्मचारी नेताओं के अनुसार मौजूदा नियम अधिकारियों और कर्मचारियों को बाहर कराए गए टेस्‍ट की प्रतिपूर्ति कंपनी की तरफ से की जाती है, लेकिन सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों और अधिकरियों के लिए ऐसी कोई व्‍यवस्‍था नहीं है, उन्‍हें सभी टेस्‍ट अपनी जेब से कराना पड़ता है।

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