Juvenile Justice Board रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के 10 जिलों किशोर न्याय बोर्ड का पुनर्गठन किया है। इस संबंध में सरकार की तरफ से अधिचूना जारी कर दी गई है। जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार न्यायिक मजिस्ट्रेट को किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अधिसूचित करती है।
दुर्ग भगवान दास पनिका, द्वितीय सिविल जज सीनियर डिविजन, दुर्ग एवं जेएमएफसी
बेमेतरा मोहम्मद जहांगीर तिगाला, तृतीय सिविलि जज, सीनियर डिविजन, बेमेतरा एवं जेएमएफसी
सूरजपुर अजय लकरा, चतुर्थ एडिशनल जज, प्रथम सिविल जज, जूनियर डिविजन, दुर्ग एवं जेएमएफसी
बिलासपुर संजूलता देवांगन, तृतीय ए.जे. प्रथम सिविल जज सीनियर डिविजन, बिलासपुर एवं जेएमएफसी
रायपुर भारती कुलदीप, तृतीय ए.जे. प्रथम सिविल जज सीनियर डिविजन, रायपुर एवं जेएमएफसी
कोरिया बैकुण्ठपुर मनोज कुमार कुशवाहा ए.जे. सी. जे. जुनियर डिविजन बैकुण्ठपुर चिरमिरी, चिरमिरी एवं जेएमएफसी
मुंगेली श्वेता ठाकुर सिविल जज जूनियर डिविजिन मुंगेली एवं जेएमएफसी
कवर्धा (कबीरधाम) पूजा मण्डावी, सिविल जज, जूनियर डिविजन, कवर्धा एवं जेएमएफसी
धमतरी तनुश्री गवेल, सिविल जज, सीनियर डिविजन, कुरूद एवं जेएमएफसी
महासमुंद तान्या ब्रहम द्वितीय सिविल जज, जुनियर डिविजन, महासमुंद एवं जेएमएफसी
किशोर न्याय बोर्ड का गठन महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत होता है। राज्य सरकार प्रत्येक जिला में एक या उससे अधिक किशोर न्याय बोर्ड बना सकती है। बोर्ड में एक न्यायाधीश के साथ दो सामाजिक कार्यकर्ता रहते हैं, जिसमें एक महिला का होना अनिवार्य है। सदस्य बनने के लिए मापदंड तय हैं, इसके आधार पर सदस्यों का चयन होता है। किसी अपराधिक मामले में पकड़े गए किशोर पर व्यस्क की तरह मुकदमा चलाया जाए या नहीं यह फैसला किशोर न्याय बोर्ड करता है।