Panchayat Elections रायपुर। छत्तीसगढ़ में त्रि- स्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत) और नगरीय निकाय ( नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत) का चुनाव एक साथ कराने की तैयारी के बीच सरकार ने एक बड़ा आदेश जारी कर दिया गया है। इस आदेश के कारण दोनों चुनावों के एक साथ होने पर संदेह खड़ा हो गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी को देखते हुए इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि दोनों ही चुनाव एक साथ होंगे। राज्य में नगरीय निकायों का कार्यकाल 10 जनवरी तक ही बचा है, जबकि पंचायतों का कार्यकाल अभी फरवरी तक चलेगा। इस बीच राज्य सरकार की तरफ से लगातार दोनों चुनावों के मतदाता सूची तैयार करने के साथ ही नियमों में संशोधन की प्रक्रिया एक साथ की जा रही है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे एक राष्ट्र एक चुनाव की तरह प्रदेश में एक राज्य एक चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
छत्तीगसढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने आज एक आदेश जारी किया है। इसमें त्रि- स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए चल रहे वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया को स्थगित करने के लिए कहा गया है। आरक्षण की प्रक्रिया स्थगित किए जाने को लेकर आदेश में कोई कारण का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि जातिगत आरक्षण में कुछ पेंच फंस रहा जिसकी वजह से सरकार ने फिलहाल वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
अफसरों के अनुसार पंचायत विभाग की तरफ से जारी इस आदेश के बाद अब यह तय हो गया कि पंचायत चुनाव का कार्यक्रम इस महीने जारी नहीं होगा, क्योंकि वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया फिर से शुरू करने के लिए नए सिरे से पूरी प्रक्रिया करनी पड़ेगी। इसमें वक्त लग सकता है। इस बीच जनवरी के पहले सप्ताह में निकायों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
नगरीय निकाय अधिनियम के अनुसार किसी भी निकाय में निर्वाचित परिषद का कार्यकाल पूरा होने से पहले नई परिषद का चुनाव हो जाना चाहिए। हाल ही में राज्य सरकार ने अध्यादेश के जरिये यह व्यवस्था की है कि यदि समय पर चुनाव नहीं हो पाता है तो वहां प्रशासक की नियुक्ति की जा सकती है। चूंकि जनवरी के पहले और दूसरे सप्ताह में निकायों की निर्वाचित परिषद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में 10 जनवरी के पहले ऐसे सभी निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति की जा सकती है, क्योंकि इतने कम समय में चुनाव पूरा नहीं होगा।