Saurabh Sharma रायपुर। मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में सिपाही रहे सौरभ शर्मा अपनी अकूत संपत्ति की वजह से चर्चा में हैं। सौरभ शर्मा के पास से अब तक 18 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। इसमें 52 किलो सोना 235 किलो चांदी समेत कैश शामिल है। सौरभ शर्मा पर परिवहन विभाग में सिपाही की नौकरी के दौरान अरोबो रुपये की संपत्ति बनाने का आरोप है। इन छापों के बाद से सौरभ शर्मा फरार है। इस बीच सौरभ को लेकर रोज नई- नई जानकारी सामने आ रही है। इसमें उसकी नौकरी से लेकर उसके रिश्तेदार और कालीकमाई के हिस्सेदारों की कहानी भी शामिल है।
सौरभ शर्मा का एक बड़ा भाई है। सौरभ के ये बड़े भाई छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी नौकर रहे हैं। हालांकि मीडिया से चर्चा के दौरान सौरभ शर्मा के बड़े भाई ने सौरभ के साथ किसी भी तरह का संबंध होने से मना किया है। एक मीडिया संस्थान के साथ बातचीत में छत्तीसगढ़ सरकार में अफसर सौरभ के इस बड़े भाई ने कहा कि मेरा सौरभ से कोई संबंध नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार में काम रहे सौरभ शर्मा के बड़े भाई का नाम सचिन शर्मा है। वे छत्तीगसढ़ के वित्त सेवा में अधिकारी हैं।
सौरभ शर्मा ने जिस नौकरी में रहते अरोबों रुपये की काली कमाई की, वह नौकरी भी उसने झूठे शपथ पत्र के आधार पर हासिल की है। दरअसल सौरभ के पिता डॉ. राकेश कुमार शर्मा सरकारी सेवा में थे। शासकीय सेवा में रहते 2015 में उनका निधन हो गया। इसके बाद सौरभ शर्मा ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। इसके लिए सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा की तरफ से सरकार को एक शपथ पत्र दिया गया।
उमा शर्मा ने अपने शपथ में बताया है कि उनके दो पुत्र हैं। बड़ा पुत्र सचिन शर्मा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रायपुर छत्तीसगढ़ शिफ्ट हो गया है। सचिन रायपुर में नौकरी करता है जो सरकारी नहीं हैं, जो शासकीय नहीं है। इस वजह से उन्होंने अपने छोटे पुत्र सौरभ शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति देने का आग्रह किया था। इसी शपथ पत्र के आधार पर सौरभ को परिवहन विभाग में सिपाही की नौकरी मिली। जानकारों के अनुसार 2015 में जब यह शपथ पत्र दिया गया तब सचिन छत्तीसगढ़ सरकार में शासकीय सेवा में थे।
सौरभ शर्मा को 2015 में परिवहन विभाग में सिपाही के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली। करीब सात साल सेवा में रहने के बाद उसने वीआरएस ले लिया और ठेकेदारी करने लगा। इस बीच विभिन्न माध्यमों से उसकी अकूत संपित्त की जानकारी जांच एजेंसियों तक पहुंच गई और उसके आधार छापे की कार्रवाई हुई, जिसमें अरबों रुपये की संपित्त का खुलासा हुआ है।
जांच एजेंसी को सौरभ के यहां से एक डायरी मिली है। बताया जा रहा है कि इसमें काली कमाई के हिस्सेदारों का नाम है। फिलहाल सौरभ फरार है और उसने अग्रिम जमानत के लिए भोपाल कोर्ट में आवेदन लगा रखा है। सौरभ के वकील ने एनकाउंटर की भी आशंका जाहिर की है।