रायपुर। Chaturpost.com (चतुरपोस्ट.कॉम)
कोंडागांव जिले में 140 करोड़ रुपये लागत से बन रहा मक्का प्रोसेसिंग प्लांट किसानों की तकदीर संवारेगा। राज्य सरकार के सहयोग से सहकारिता के क्षेत्र में यह पहला प्लांट कोंडागांव जिले में इसलिए स्थापित किया जा रहा है।
राज्य में कोंडागांव जिले में मक्का का सर्वाधिक उत्पादन होता है। इस प्लांट के लग जाने से किसानों को मक्का का अधिकतम मूल्य मिलने की उम्मीद है। प्रोसेसिंग प्लांट के निर्माण का लगभग 35 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यह प्लांट कोंडागांव में ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा। जिला प्रशासन द्वारा इसे जून 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य सरकार की उद्योग नीति में कृषि और वनोपज आधारित उद्योगों के स्थापना को विशेष प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया है।
कोंडागांव जिले के कलेक्टर दीपक सोनी की पहल पर मक्का प्रोसेसिंग में आज स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, ग्रामीणों और अधिकारी-कर्मचारियों ने श्रमदान किया। कलेक्टर सोनी ने कहा कि राज्य सरकार की परिकल्पना के अनुरूप मुख्यमंत्री बघेल के निर्देशानुसार इस मक्का प्रसंस्करण प्लांट को आगामी जून 2023 तक पूरा करने के लिए जिला प्रशासन कटिबद्ध होकर पहल कर रही है।
कलेक्टर सोनी ने स्वयं श्रमदान करते हुए कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि आज सुबह से ही इतनी अधिक संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक श्रमदान में योगदान देकर मक्का प्रसंस्करण प्लांट निर्माण में पूरी मेहनत एवं लगन के साथ जुटे। उन्होंने इसे सकारात्मक प्रयास बताते हुए प्रोसेसिंग प्लांट अधोसंरचना निर्माण को मूर्त रूप देने में सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधि, सरपंच और सीईओ जिला पंचायत प्रेम प्रकाश शर्मा सहित जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, पत्रकारगण और मक्का प्रसंस्करण प्लांट निर्माण से जुड़े एजेंसियों के प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।
कोंडागांव के ग्राम कोकोड़ी में बनाए जा रहे मक्का प्रोसेसिंग प्लांट में कूलिंग टॉवर और बॉसिंग वॉल सहित अन्य काम पूरा हो गया है। स्टील बाईंडिंग वर्क का काम प्रगति पर है। साथ ही फरमनटेशन कूलिंग टॉवर का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। प्लांट के वेयर हाउस निर्माण का काम भी जारी है। बॉयलिंग सेक्शन का काम भी तेजी से किया जा रहा है।
बॉलिंग सेक्शन के सिविल कार्य लगभग 60 से 70 प्रतिशत पूरा गया है। इसी प्रकार इएसपी सेक्शन के लिए भी सिविल सेक्शन पूरा हो चुका है। टरबाईन का 80 प्रतिशत काम भी पूर्ण हो चुका है। इस प्लांट में फरमनटेशन टैंक का निर्माण का कार्य चल रहा है। मक्का प्रोसेसिंग प्लांट के लिए पर्यावरण विभाग और भू जल उपयोग के लिए स्वीकृति प्राप्त हुई है। पीईएसओ और आईईएम से अनुमोदन प्राप्त हुआ है।
कोंडागांव में बीते तीन-चार सालों में खरीफ और रबी दोनों सीजन में मक्का उत्पादन को काफी बढ़ावा मिला है। प्लांट की स्थापना से उत्साहित किसान मक्का का रकबा साल दर साल बढ़ा रहे है। वर्तमान में जिले में प्रति वर्ष तीन लाख 48 हजार 127 टन मक्का का उत्पादन होता है।
ग्राम कोकोड़ी में तैयार हो रहे मक्का प्रोसेसिंग प्लांट का संचालन माँ दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी समिति द्वारा किया जाएगा। यह प्लांट ग्राम कोकोड़ी में 14 एकड़ सरकारी भूमि पर बन रहा है। इस प्लांट में मक्के की आपूर्ति के लिए लगभग 45 हजार किसानों का पंजीयन किया गया है।
स्टेट प्रोजेक्ट फाईनेंस कमेटी द्वारा मक्का से इथेनॉल निर्माण के लिए प्रोसेसिंग प्लांट को फिजीबल पाया गया था। लगभग 140 करोड़ की लागत से बन रहे इस प्लांट के निर्माण में किसानों ने 7.06 करोड़ रुपये की अंश पूंजी का योगदान दिया है।
इसी प्रकार मंडी बोर्ड द्वारा 21.19 करोड़ रुपये और राज्य शासन द्वारा 35.32 करोड़ रुपये और सहकारी संस्था के स्वयं की निधि से 2.10 करोड़ रुपये तथा शेष 75 करोड़ रुपये बैंक ऋण के माध्यम से राशि जुटाई गई है।
कोंडागांव में समर्थन मूल्य पर मक्का उपार्जन के लिए 47 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। जिले के कोंडागांव, माकड़ी, फरसगांव, बड़ेराजपुर विकासखंड में मक्के का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। मक्का खरीदी का कार्य छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा किया जा रहा है। मक्का उत्पादक किसानों को राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत नौ हजार रुपये प्रति एकड़ के मान से इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है।
कोंडागांव में खरीफ सीजन में एक लाख 24 हजार 188 और रबी सीजन में दो लाख 23 हजार 929 टन मक्का का उत्पादन होता है। मक्का उत्पादन से जिले के लगभग 65 हजार किसान जुड़े हुए हैं।
मक्का प्रोसेसिंग प्लांट के बनने से किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। प्लांट में प्रतिदिन 200 टन मक्का की प्रोसेसिंग होगी, जिससे 80 हजार लीटर इथेनॉल तैयार होगा। इस प्लांट के लग जाने से निजी निवेशकों द्वारा अन्य सहायक उद्योग लगाने के लिए नया वातावरण बनेगा। प्रोसेसिंग प्लांट में 200 से अधिक लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा, वहीं अप्रत्यक्ष रूप से 45 हजार किसान लाभांवित होंगे।
प्लांट में उत्पादित होने वाला इथेनॉल इंडियन ऑयल कार्पारेशन को विक्रय किया जाएगा। जिसे पेट्रोल के साथ मिक्स कर बेचा जाएगा। इससे विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। किसानों को मक्का का वाजिब दाम भी मिलेगा।