DMF: रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित खनिज न्यास निधि (DMF) में हुए कथित घोटाला के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। ईडी ने इसमें डीएमएफ में कैसे भ्रष्टाचार किया गया और इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे, इसकी विस्तार से जानकारी कोर्ट को दी है। ईडी ने यह भी बताया कि भ्रष्टाचार की रकम किन-किन लोगों के बीच बंटता था।
ईडी ने डीएमएफ घोटाला में कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें पहला नाम निलंबित और जेल में बंद आईएएस रानू साहू का है। दूसरा नाम साहू की करीबी जिला विकास अधिकारी माया वारियर का है। इनके साथ खमतराई की स्वस्तिक सिटी में रहने वाले मनोज कुमार द्विवेदी, बिलासपुर के भुवनेश्वर सिंह राज, राम भरोसा ठाकुर मुंगेली, कोरबा के कोसाबाड़ी चौक निवासी वीरेंद्र कुमार राठाौर का नाम शामिल है।
बिलासपुर उस्लापुर के रहने वाले राधेश्याम मिर्झा, श्रीकांत दुबे, संजय शिंदे, हरिषभ सोनी, रायपुर के राकेश कुमार शुक्ला, अंबिकापुर के अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रायपुर के विनय कुमार अग्रवाल, ललित राठी और तोरणलाल चंद्राकर का नाम शामिल है।
ईडी की चार्जशीट के अनुसार आरोपियों ने डीएमएफ में कुल 90 करोड़ 48 लाख 22 हजार 255 रुपये का भ्रष्टाचार किया है। यह भ्रष्टाचार इन्हीं 16 लोगों ने मिलकर किया है। ईडी ने पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ और जब्त दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में पेश किए गए चालान में यह जानकारी दी है।
ईडी ने डीएमएफ में घोटाला की पूरी जानकारी चालान के जरिये कोर्ट के सामने रख दी है। यह चार्जशीट कुल 8021 पन्नों का है। 8021 पन्नों की चार्जशीट के 169 पेज में प्रासिक्यूशन कंप्नेल और बाकी 7 हजार 852 पन्नों आरयूडी दस्तावेज हैं।
ईडी की चार्जशीट के अनुसार कोरबा में डीएमएफ के कामों के लिए जारी होने वाले टेंडर का 40 प्रतिशत हिस्सा अफसरों व अन्य लोगों के बीच बंट जाता है। इसके लिए ठेकेदार भुगतान की गई राशि का बड़ा हिस्सा अपने बैंक खातों से नकद निकाल लेते थे। ईडी को ऐसे भी दस्तावेज मिले हैं जिनसे खुलासा हुआ है कि कई खरीदी ऐसी भी हुई, जिसमें बिना खरीदी किए गए भुगतान कर दिया गया।
डीएमएफ घोटाला में रानू साहू मुख्य भूमिका में थी, लेकिन माया वारियर और ब्रोकर मनोज कुमार द्विवेदी अहम कड़ी थे। द्विवेदी एनजीओ के जरिये ठेकेदारों से दलाली की राशि लेता था। बाद में यही पैसा वह रानू साहू तक पहुंचाता था।
ईडी के अनुसार डीएमएफ में अपराध के जरिये कमाई गई कुल राशि 90 करोड़ 35 लाख है। ईडी ने आरोपियों के पास से 23 लाख 79 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है। इसमें जमीन, मकान के साथ आभूषण और कैश शामिल है।