Vidyut Majadoor Mahasangh रायपुर। अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ की 18वां त्रैवार्षिक अधिवेशन शनिवार से रायपुर में शुरू हो गया है। राजधानी रायपुर में आयोजित इस दो दिवसीय अविधवेशन में देश के 21 राज्यों के प्रतनिधि शामिल हो रहे हैं। इस अधिवेशन के आयोजन की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी संघ- महासंघ मिली है।
अधिवेशन के पहले दिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी इसमें शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने ऊर्जा (बिजली) सेक्टर की बढ़ती महत्ता का उल्लेख करते हुए ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले श्रमवीरों की सराहना की। साय ने केंद्र सरकार में राज्यमंत्री रहने के दौरान श्रमिकों के कल्याण के लिए किए गए कामों का भी उल्लेख किया।
अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि मैं तो यहां आप लोगों का दर्शन करने आया था। अपने भाषण के दौरान उन्होंने बड़ी बात कही। उन्होंने विद्युत मजदूर महासंघ के लिए कहा कि संघ की कोई भी समस्या होगी सरकार आप लोगों के साथ है।
बिजली सेक्टर में काम करने वाले श्रमवीरों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि आज जीवन में बिजली का महत्व बहुत बढ़ गया है। बिजली के बिना जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा। विष्णुदेव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में करीब 30 हजार मेगावॉट बिजली की उत्पादन हो रहा है। बिजली की मांग पूरे देश में बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में हमने नवा रायपुर में इंडस्ट्रीयल समिट किया था। इसमें राज्य में पावर सेक्टर में तीन लाख करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव मिला है। उन्होंने कहा कि आने वाले 7-8 सालों में छत्तीसगढ़ में 30 हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 1320 मेगावाट का नया पावर प्लांट लगाने जा रही है। इसके काम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभारंभ किया है। मोदी ने एनटीपीसी के नए संयंत्र का भी भूमिपूजन किया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट बिजली हाफ रेट पर देती है। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्यघर बिजली योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि अब हम बिजली हाफ की जगह बिजली फ्री का नारा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जा रही है। राज्य सरकार ने भी नए बजट में अपनी तरफ से सब्सिडी देने के लिए राशि का प्रवधान किया है।
मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन की शुरुआत मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री के रुप में श्रमिकों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख के साथ किया। उन्होंने बताया कि 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार केंद्र में एनडीए की सरकार बनी तब मैं राज्यमंत्री था और मेरे पास श्रम मंत्रालय का काम था। उस वक्त श्रमिकों को बहुत कम पेंशन मिलता था। वहीं, पीएफ करीब 27 हजार करोड़ रुपये अनक्लेम पड़ा था।
विष्णुदेव ने बताया कि हमारी सरकार ने न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपये किया। वहीं, पीएफ खाते में रखे 27 हजार करोड़ रुपये प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार उन्हीं के कल्याण के लिए खर्च किए जा रहे हैं। इस पैसे से ईएसआईसी के नए अस्पताल खोले जा रहे हैं।
प्रभारी राधेश्याम जायसवाल ने स्वागत भाषण देते हुए केंद्र सरकार के कामों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमने आयकर की सीमा बढ़ाने की मांग की थी, जिसे मोदी जी ने बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया। इसी तरह केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग का गठन कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश में बिजली सेक्टर में चुनौती बढ़ती जा रही है। जायवाल ने कहा कि बिजली सेक्टर में छत्तीसगढ़ की सरकार अच्छा काम कर रही है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि मुख्यमंत्री हमारे साथ हैं।
महासंघ के अध्यक्ष मधुसूदन जोशी ने कहा कि राज्य में पावर प्लांट लग रहे हैं उसमें सरकारी क्षेत्र की भी भागीदारी बढ़ रही है। बिजली सेक्टर के निजीकरण की कोशिशों पर चिंता व्यक्त करते हुए जोशी ने कहा कि बिजली समरीक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण तीनों ही सेक्टर में आपना स्वामित्व 50 प्रतिशत से अधिक रखना चाहिए।