ACB Traip रायपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से ताबड़तोड़ कार्यवाही की जा रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने वाली राज्य सरकार की एजेंसी एंटी करप्शन ब्यूरो पूरे प्रदेश में सक्रिय है। इसी वजह से लगातार रिश्वतखोर धरे जा रहे हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने फिर तीन लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा है। इसमें एक पटवारी और दो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। दोनों कार्यावाही एसीबी की अंबिकापुर यूनिट ने की है।
एसीबी के अफसरों ने बताया कि रिश्वत लेते पकड़े गए पटवारी का नाम भानू सोनी है। सोनी सूरजपुर के नयनपुर का पटवारी है। सूरजपुर निवासी मनीष जिदिंया ने पटवारी के खिलाफ एसीबी से शिकायत की थी। बताया कि उन्होंने अपने ही चचेरे भाई से 0.08 हेक्टेयर जमीन खरीदा है।
जमीन की रजिस्ट्री के बाद जिदिंया ने नामांकन, चौदहवी और सीमांकन के लिए पटवारी से संपर्क किया। पटवारी सोनी ने इस काम के लिए 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग की, जिसकी शिकायत जिदिंया ने एसीबी से कर दी। शिकायत का सत्यपान कराया गया, जिसमें वह सही पाया गया। इसके बाद पटवरी को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया और आज प्रार्थी को 20 हजार रुपए के साथ पटवारी के पास भेजा गया। जैसे ही पटवारी ने रिश्वत की रकम ली, उसे एसीबी की टीम ने दबोच लिया।
दूसरा मामला सरगुजा के उदयपुर तहसील का है। वहां स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खम्हरिया के दो लोगों को बिल भुगतान के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ गया है।
दरअसल शिकायतकर्ता आशु रोहित खलखो सहायक ग्रेड 3 के पद पर काम करते हैं। उन्होंने यात्रा भत्ता के 20 हजार 370 रूपए के भुगतान के लिए बिल लगाया था। इस बिल के भुगतान के लिए वहां पदस्थ संगणक कौशलेंद्र प्रसाद पांडेय ने 50 प्रतिशत रिश्वत की मांग की। साथ ही धमकी दी कि पैसा नहीं मिलेगा तो भविष्य में बिल पास नहीं करुंगा। इस पर खलखो ने एसीबी में शिकायत कर दी। इसके बाद आज ट्रेप की कार्यवाही की गई। इसमें कौशलेन्द्र प्रसाद पाण्डेय के साथ उनके सहयोगी लेखापाल नंद राम पैकरा को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।