CG News रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कई फैसले बदल चुकी है। इसमें नगरीय निकाय और त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव भी शामिल है। कांग्रेस सरकार ने नगरीय निकायों ( नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत) में मेयर और अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराया था। विष्णु सरकार ने नियमों में बदलाव करके प्रत्यक्षण प्रणाली लागू कर दी है। इन सबके बीच एक चीज ऐसी है जो भाजपा की नीति के विपरीत है फिर भी फिलहाल राज्य सरकार फिलहाल उसमें बदलाव नहीं करेगी।
भूपेश बघेल ने नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पंचायत और निकाय चुनाव ईवीएम के बदले बैलेट से कराया था। इसके लिए कांग्रेस सरकार ने नियमों में बदलाव किया था। भाजपा ईवीएम से चुनाव कराने के पक्ष में रहती है। ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि राज्य सरकार इस फैसले को भी बदल देगी। यानी बैलेट के स्थान पर इस बार निकाय और पंचायत चुनाव ईवीएम से कराए जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं होगा। इस बार भी स्थानीय चुनाव बैलेट पेपर से ही होंगे।
निकाय और पंचायत चुनाव में मतदान को लेकर डिप्टी सीएम अरुण साव का बयान आया है। मीडिया से चर्चा करते हुए साव ने बताया कि इस बार पंचायत और निकाय के चुनाव बैलेट पेपर से ही कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल ईवीएम की व्यवस्था नहीं हो पा रही है, इस वजह से राज्य सरकार ने दोनों चुनाव बैलेट पेपर से ही कराने का फैसला किया है।
मीडिया से चर्चा के दौरान अरुण साव ने चुनाव को लेकर भी संकेत दिया। उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा से पहले ही दोनों चुनाव कराए जाने के संकेत दिए। इसी हिसाब से सरकार और राज्य चुनाव आयोग की तैयारी भी चल रही है। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। केवल महापौर और अध्यक्ष का आरक्षण शेष रह गया है। इसके लिए 7 जनवरी की तारीख तय की गई है। पंचायतों में भी आरक्षण की प्रक्रिया 3 जनवरी से शुरू होगी।
जानकारों का कहना है कि दिसंबर के बाद चुनाव कराए जाने की स्थिति में राज्य चुनाव आयोग को मतदाता सूची फिर से अपडेट करना पड़ेगा, क्योंकि नियमानुसार 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवाओं का नाम वोटर लिस्ट में शामिल करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लग सकता है। इसके लिए आयोग को मतदाता सूची का फिर से प्रकाशन करना होगा।